कहीं आप भी तो नही इस्तेमाल कर रहे सरसों का नकली तेल? ऐसे करें नकली और असली तेल की पहचान

सालों से उत्तर भारत में सबसे ज्यादा जिस खाने के तेल का इस्तेमाल होता है वह सरसों का तेल है.

Update: 2021-09-29 05:43 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सालों से उत्तर भारत में सबसे ज्यादा जिस खाने के तेल का इस्तेमाल होता है वह सरसों का तेल है. यह सेहत के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है. लेकिन, आजकल मार्केट में मिलने वाली हर चीज में मिलावट होने लगी है जिस कारण असली और नकली सरसों तेल के बीच का फर्क करना बहुत मुश्किल हो गया है.

आपको बता दें कि माई गवर्नमेंट इंडिया के द्वारा सरसों के तेल की गुणवत्ता को मापने के लिए कुछ सुझाव दिए गए है. इस उपायों को अपनाकर आप असली और मिलावटी सरसों के तेल के बीच का फर्क पहचान सकते हैं. तो चलिए जानते हैं उन उपायों के बारे में जिससे आप आसानी से असली और मिलावटी सरसों के बीच के फर्क को पहचान सकते हैं-
असली और नकली सरसों तेल को इस तरह पहचानें
1. आपको बता दें कि सरसों के तेल की अपनी एक अलग ही खुशबू होती है. मार्केट से लाएं तेल की दो से तीन बूंदे अपने हाथों पर लें और उसे रगड़कर महक लें. अगर आपके हाथों में सरसों के तेल की महक आ रही है तो समझ लें यह तेल असली है. लेकिन, अगर आपको उसकी स्मेल सोयाबीन जैसी लग रही है तो यह समझ लें कि यह मिलावटी तेल है.
2. असली तेल की पहचान करने के लिए इस तेल को हाथों में रगड़कर चेक करें कि कहीं यह पीला रंग तो नहीं छोड़ रहा है. अगर इसमें कलर की मिलावट है तो समझ लें कि यह मिलावटी तेल हैं.
3. एक Experiment करने वाले बिकर में 5mL सरसों का तेल लें और उसमें 5mL नाइट्रिक एसिड मिला दें. फिर इसे धीरे-धीरे मिलाएं और चेक करें. अगर यह मिलावटी होगा तो इसका कलर change हो जाएगा और यह नारंगी-पीला से लाल दिखने लगेगा. वहीं असली तेल का रंग नहीं बदलेगा.
4. तेल की जांच करने के लिए एक गिलास में सरसों का तेल निकाल लें और उसे फ्रिज में रखें. ध्यान रखें कि उसे फ्रिजर में न रखें. अगर यह तेल फ्रिज में जम जाता है तो समझ लें कि इस तेल में मिलावट की गई है.


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