लहसुन से जुड़ी अनूठी बातें जो ज़्यादातर लोगों नहीं जानते
एशिया मूल का लहसुन पिछले 7,000 वर्षों से मनुष्य के खानपान का हिस्सा
लाइफस्टाइल | मध्य एशिया मूल का लहसुन पिछले 7,000 वर्षों से मनुष्य के खानपान का हिस्सा है. भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए तो इसका इस्तेमाल होता ही है. घरेलू नुस्ख़ों में भी इसका काफ़ी इस्तेमाल किया जाता है. लहसुन के फ़ायदों के बारे में हमने काफ़ी कुछ सुना है, पर इससे जुड़ी कई ऐसी बातें हैं, जिनके बारे में ज़्यादातर लोग नहीं जानते.
यूरोपियन देशों में लहसुन को सफ़ेद जादू का सरताज माना जाता है. मध्य यूरोपियन देशों में ऐसी मान्यता है कि लहसुन पास रखने से बुरी आत्माएं और वैम्पायर्स हमारे पास नहीं फटकते.
इस्लाम में कहा गया है कि मस्जिद जाते समय आपको लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसकी तीक्ष्ण महक ध्यान भटकाती है. हिंदुओं को एक बड़ा तबका इसी कारण से लहसुन का सेवन नहीं करता. हिंदुओं में मान्यता है कि लहसुन हमारे तामसिक गुणों को जागृत कर देता है, जिससे हमारी पवित्रता नष्ट हो जाती है. जैन धर्म के अनुयायी और बौद्ध धर्म की कुछ शाखाओं में लहसुन खाने की मनाही है.
लहसुन को देखकर कई लोगों को डर लगता है, जिसे मेडिकल साइंस में एलिमफ़ोबिया कहा गया है.
कपूर के साथ लहसुन को जलाने से मच्छर, मक्खी और कीट-पतंगे भागते हैं. कुचली हुई लहसुन की कलियों को पानी में मिलाकर आप ऑर्गैनिक इंसेक्टिसाइड बना सकते हैं.
लहसुन में 17 अमीनो एसिड होते हैं. ये अमीनो एसिड शरीर के सुचारू ढंग से काम करते रहने के लिए बहुत ज़रूरी हैं.
अगर आपको कभी आश्चर्य होता हो कि चीनी खानपान में लहसुन की इतनी अधिक मात्रा क्यों होती है, तो इसका जवाब यह है कि दुनिया के 66% लहसुन का उत्पादन चीन में होता है.
पहले विश्वयुद्ध के दौरान जब सल्फ़र का स्टॉक ख़त्म हो गया था, तब गैंगरिन के इलाज के लिए बतौर ऐंटी-सेप्टिक लहसुन का इस्तेमाल किया गया था.
कोलेस्टेरॉल स्तर को नीचे लाने के चलते लहसुन न केवल हृदय की सेहत के लिए अच्छा है, बल्कि यह सर्दी-खांसी से भी शरीर की रक्षा करता है और पेट की सेहत के लिए भी काफ़ी लाभदायक है.
हाथों से लहसुन की दुर्गंध को निकालने के लिए उन्हें ठंडे पानी के नीचे स्टेनलेस स्टील की बनी चीज़ों पर रगड़ें.
आपको पता है वर्ल्ड गार्लिक डे भी होता है, जो हर वर्ष 19 अप्रैल को मनाया जाता है.