कम उम्र की लड़की को हुआ था ब्रेस्ट कैंसर, समय पर इलाज़ मिलने से बच गई जिंदगी

कम उम्र की लड़की को हुआ था ब्रेस्ट कैंसर

Update: 2021-10-19 14:50 GMT

देश में स्तन कैंसर (Breast cancer) के मामले काफी बढ़ रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि अब कम उम्र की लड़कियां भी इसकी चपेट में आ रही हैं. दिल्ली (Delhi) के बड़े अस्पतालों में 10 से 15 फीसदी ब्रेस्ट कैंसर के मामले 32 साल से कम उम्र में देखने को मिल रहे हैं. पिछले एक सप्ताह में ही दो लड़कियों के कैंसर की सर्जरी की गई है. इनमें एक लड़की की उम्र 28 और दूसरी की 32 साल थी. डॉक्टरों का कहना है कि खराब लाइफस्टाइल और जीवनशैली में बदलाव से कम उम्र में ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं.


कुछ दिन पहले ही 28 साल की रीना( बदला हुआ नाम) मध्य प्रदेश से इलाज़ के लिए दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल आई थीं. उनको स्तन में गांठ होने की शिकायत थी. जांच करने पर पता चला कि वह पहली स्टेज के ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित है. डॉक्टरों के अनुसार, यह मामला काफी हैरान करने वाला था. क्योंकि लड़की की उम्र भी काफी कम थी. हालांकि, वह लड़की इस बीमारी को लेकर काफी जागरूक थीं. जब उसको स्तन में गांठ होने का पता चला था तभी वह इलाज़ के लिए अस्पताल आ गई थी. समय पर लक्षणों की पहचान से पहली स्टेज में ही उसके कैंसर का पता चल गया. अस्पताल के ऑन्कोलॉजी विभाग की एचओडी डॉक्टर विनीता गोयल ने बताया कि देश में महिलाओं में कम उम्र में ब्रेस्ट कैंसर के मामले काफी बढ़ रहे हैं. 30 से कम उम्र की लड़कियां भी अब इस कैंसर का शिकार हो रही हैं. ब्रेस्ट कैंसर के मामले पहले 50 से 60 साल की उम्र में ज़्यादा आते थे लेकिन वह आश्चर्यचकित हैं कि 30 साल से नीचे की लड़कियों में भी काफ़ी मामले आ रहे हैं जो कि बहुत ही असामान्य बात है.


खराब लाइफस्टाइल मुख्य कारण
दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट और रिसर्च सेंटर के ऑन्कोलॉजी विभाग के एचओडी डॉक्टर तलवार ने बताया कि अस्पताल में ऐसे कई मामले आ रहे हैं जहां कम उम्र में ही लड़कियों को ब्रेस्ट कैंसर हो रहा है. पिछले सप्ताह ही एक 32 वर्षीय लड़की ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों के साथ अस्पताल आई थीं. लड़की के स्तन में गांठ थी. जब वह अस्पताल आई तो उसकी सभी जांच की गई. जिसमें ब्रेस्ट कैंसर का पता चला. पांच दिन पहले ही लड़की की सर्जरी की गई है.

डॉक्टर विनीत तलवार के मुताबिक, युवा मामलों में इस कैंसर का मुख्य कारण खराब लाइफस्टाइल है और दूसरा कारण जेनेटिक है. जिसमें परिवार में अगर किसी को कैंसर हुआ हो तो आगे आने वाली पीढ़ी में कैंसर होने की आशंकाएं बढ़ जाती हैं. कई मामलों में ब्रेस्ट कैंसर का कारण लाइफ़स्टाइल की बजाए जेनेटिक भी हो सकता है. इसके अलावा देरी से शादी करना, खानपान पर ध्यान न देने से भी यह बीमारी हो सकती है. उन्होंने बताया कि जिन लड़कियों में कैंसर मिला है उनमें अधिकतर का लाइफस्टाइल ठीक नहीं था और उनमें कुछ को शराब का सेवन करने की भी आदत थी.

यह हैं लक्षण

डॉक्टर तलवार के मुताबिक, स्तन में गांठ या लंप होना ये ब्रेस्ट कैंसर के आम लक्षणों में से एक है. अगर ब्रेस्ट में किसी प्रकार की गांठ महसूस होती है तो तुरंत जांच करवानी चाहिए. ब्रेस्ट की त्वचा में किसी प्रकार का परिवर्तन दिखाई दे मसलन वहां जलन, लाल पड़ना या त्वचा का सख्त़ होना, त्वचा की बनावट में बदलाव दिखना. ऐसा महसूस करना जैसे त्वचा गीली हो तो यह भी लक्षण हैं. इसके अलावा स्तन में सूजन, और दर्द होना भी ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण हैं. इनके लक्षणों के महसूस होने पर तुरंत जांच करानी चाहिए. लापरवाही बरतना खतरनाक साबित हो सकता है.

क्या कहते हैं आंकड़े

इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर)-नेशनल सेंटर फॉर डिज़ीज़ इंफोर्मेटिक्स एंड रिसर्च (एनसीडीआईआर) के मुताबिक, जो चलन दख रहा है उसके अनुसार ब्रेस्ट कैंसर के मामले साल 2025 में बढ़कर 15.7 लाख तक पहुंच जाएंगे.


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