कोरोना की वैक्सीन आ गई है, पर उसके सेफ़ होने या न होने पर अब भी संशय बरक़रार है. हालांकि उम्मीद तो यही है कि वैक्सीन्स सफल रहें और जल्द ही हम इस महामारी को हरा दें. वैसे इस महामारी को हराने में लोग अपने-अपने तरीक़े से लगे हुए हैं. ऐसे में वैक्सीन की ख़बर से पहले योग और आयुर्वेद वो दो चीज़ें रहीं, जिन्हें लोगों ने अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने व शरीर को स्वस्थ तथा मन को शांत रखने के लिए आज़माया.
कोरोना काल में इम्यूनिटी बूस्टर्स की बहुत बात की गई. इस बारे में जानेमाने योग आचार्य मनीष ने कहा कि महामारी के दौरान जितने आवश्यक इम्यूनिटी बूस्टर हैं, उतना ही आवश्यक योग भी है, क्योंकि यह हमारे मन व मस्तिष्क को रिलैक्स करता है. योग के साथ कुछ ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ भी जुड़ी हुई हैं, जो आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाने में व आपको बीमारियों से कोसों दूर रखने में बहुत सहायता करती हैं. आचार्य मनीष की मानें तो हमें हर रोज़ लगभग आधे घंटे तक योग करना चाहिए और कुछ आयुर्वेदिक रेसिपी वाली ड्रिंक्स को भी अपनी डायट मे शामिल करना चाहिए ताकि आपके शरीर से सारा म्यूकस व टॉक्सिक चीज़ें निकल जाएं और आपका शरीर स्वस्थ रहे.
योग रक्तसंचार में सुधार करके प्रतिरक्षा प्रणाली को रोगजनकों (पैथोजन्स) से लड़ने में मदद करता है. यह शरीर में स्ट्रेस हार्मोन के स्तर को भी कम करता है, जिससे बीमारियों से बचाव होता है. हालांकि वर्तमान में घर से बाहर निकलने पर पाबंदी है ऐसे में बाहर किए जाने व्यायाम की बजाय आप घर के अंदर योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं. यहां कुछ सरल आसानों के तरीक़े और उनके लाभ के बारे में बताया जा रहा है जिनको घर के अंदर आसानी से किया जा सकता है.
त्रिकोणासन
यह तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है, और सीने तथा कंधों को खोलता है. रीढ़ की हड्डी, पेट की मांसपेशियों, जांघ की मांसपेशियों और श्रोणि स्नायुबंधन को मज़बूत और लचीला बनाने के लिए इस क्लासिक आसन के बारे में विचार कर सकते हैं. यह अपच, गैस्ट्राइटिस (गैस की समस्या), एसिडिटी और पेट फूलने की समस्या से भी राहत दिलाता है.
गोमुखासन
शरीर को आराम प्रदान करने करने के लिए इस आसन का अभ्यास करना अच्छा विकल्प है. यह मुद्रा पीठ दर्द, तनाव, थकान और चिंता को कम करती है और आपकी जांघों, टखनों, कंधों, डेल्टोइड्स और छाती को मज़बूती प्रदान करती है.
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नौकासन
पीछे की ओर झुककर किया जाने वाला यह आसन आपके शरीर को बाहर की ओर मोड़ता है, सीने का विस्तार करता है और सांस सांस लेने की क्रिया को प्रोत्साहित करता है. यह विशेष मुद्रा आपके अंगों को टोन करने और नर्वस टेंशन (तंत्रिका तनाव) को कम करने के अलावा शरीर में रक्तसंचार, मांसपेशियों, पाचन और हार्मोनल सिस्टम को उत्तेजित करता है.
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सेतु बंध सर्वांगासन
हालांकि इसे एक बैकबेंड आसन के रूप में वर्गीकृत किया गया है, लेकिन यह तकनीकी रूप से एक एसेसमेंट पोज़ (मूल्यांकन मुद्रा) है. इसे यदि सही ढंग से किया जाए तो यह आपकी पीठ, ग्लूटस मसल्स, पैरों और टखनों को मज़बूत करता है. यह गर्दन, कंधे, छाती और रीढ़ को भी लचीला बनाता है और यह तनाव तथा अवसाद के सामान्य लक्षणों को कम करता है.
मत्स्यासन
मछली की मुद्रा वाला यह आसन रक्तसंचार में सुधार करके और फेफड़ों मजबूत बनाकर ऑक्सीजन के प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद करता है. यह सांस से संबंधित विकारों से राहत देता है, गर्दन और ऊपरी पीठ की मांसपेशियों को फैलाता है, पेट की मांसपेशियों को उत्तेजित करता है और पाचन में सुधार करता है.
योग करते समय इन बातों का रखें ध्यान
जब तक आप इन आसनों को अच्छे से नहीं कर पाते हैं तब तक यह सलाह दी जाती है कि आप इनका अभ्यास किसी प्रशिक्षित योग शिक्षक के मार्गदर्शन में ही करें. यदि आपको कोई बीमारी है, तो अभ्यास शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें.
साथ ही यदि आप वास्तव में अपने इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) को मज़बूत बनाना चाहते हैं, तो आपको अपने आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए. एक स्वस्थ आंत में मौजूद माइक्रोब्स प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाते हैं, ऐसे में आप अपने आहार में थोड़ा सा बदलाव करके बीमारियों से बेहतर तरीके से लड़ सकते हैं.