तुलसी का पौधा हिन्दू धर्म में बहुत ही पवित्र माना जाता है। यह पौधा ऐसा है जिसे लगाने से पुण्य तो मिलता ही है घर में शांति भी रहती है। तुलसी को हिन्दू धर्म देवी रूप में माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार यदि घर आंगन में तुलसी का पौधा रहता है तो घर का वातावरण पवित्र और सकारात्मक बना रहता है। आयुर्वेद के अनुसार तुलसी के पत्तों का सेवन करने पर कई प्रकार की बीमारियों की रोकथाम हो जाती है, लेकिन तुलसी के पत्तों का चबाना नहीं चाहिए, निगल लेना चाहिए। आज हम आपको बतायेंगे की तुलसी के पत्तो को क्यों नहीं चबाया जाता है, तो आइये जानते है इस बारे में......
तुलसी के पत्तो में पारा धातु विद्यमान होता है जो सेहत के लिए फायदेमंद नहीं होता है क्योकि इसको चबाने से दांतों को नुकसान पहुंचता है।
तुलसी का पौधा इस लिए नहीं चबाना चाहिए की इसको हिन्दू धर्म में बहुत ही पवित्र मानते है और इसे चबाकर खाने से इससे प्राप्त होने वाली सकारात्मकता खत्म हो जाती है।
तुलसी के पौधे में जो सुंगंध आती रहती है वह चबाने से खत्म हो जाती है जिससे तुलसी को खाने का कोई अर्थ नहीं निकलता है। इसी लिए तुलसी के पौधे को नहीं चबाना चाहिए।
तुलसी के पौधे का उपयोग भूख शांत करने के लिए भी माना जाता है लेकिन इसे बिना चबाये ही निगलना सही माना जाता है इसके पीछे ऐसी मान्यता है की जब हनुमानजी को भूख लगी थी तो उन्होंने भी तुलसी का सेवन बिना चबाये ही किया था।
तुलसी के पत्तो के सेवन करने से खून पतला होता है इसलिए इसे खून को जमाने वाली दवाओ के साथ इसे उपयोग नहीं किया जाता है