मुंबई के पास की तीन जगहें जहां बारिश में जाया जा सकता है
. कोंकण के ही समानांतर है सहयाद्री पर्वत श्रृंखला, जिसे पश्चिमी घाट कहा जाता
लाइफस्टाइल | महाराष्ट्र का कोंकण इलाक़ा अपनी बारिश के लिए मशहूर है. कोंकण के ही समानांतर है सहयाद्री पर्वत श्रृंखला, जिसे पश्चिमी घाट कहा जाता है. बारिश के मौसम में कोंकण और पश्चिमी घाट की सुंदरता देखते ही बनती है. अगर आप मुंबई या उसके आसपास के उपनगरों में रहते हैं तो बारिश में कोंकण और पश्चिमी घाट की सुंदरता निहारने के लिए तुरंत निकल पड़िए. हालांकि पिछले दिनों इसी इलाक़े में तेज़ बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति आ गई थी, पर सितंबर महीने में यहां ठीक-ठाक बारिश होती है. यानी न बहुत ज़्यादा और न ही कम.
वैसे तो मुंबई और इसके उपनगरों में भी ख़ूब बारिश होती है. आमतौर पर बारिश में मुंबईकर सड़कों के गड्ढ्रों से परेशान हो जाते हैं. अगर आप बारिश में अपने शहर के गड्ढों के बजाय प्रकृति की सुंदरता को निहारना चाहते हैं तो आपको इन तीन जगहों की सैर पर तुरंत निकल जाना जाहिए.
महाराष्ट्र के कोंकण पट्टे के दक्षिणी भाग में स्थित अंबोली को अगर वॉटरफ़ॉल्स का घर कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. मुंबई से अंबोली जाने के लिए आपको गोवा जानेवाले नैशनल हाईवे नंबर 17 पर ड्राइव करना होगा. रास्ते में आपको कई छोटे-छोटे वॉटरफ़ॉल्स मिलेंगे, पर जैसे ही आप पहाड़ों के बीच से गुज़रते हुए अम्बोली के नज़दीक पहुंचना शुरू करेंगे इतने ख़ूबसूरत वॉटरफ़ॉल्स आपको मिलेंगे कि पहले देखे हुए वॉटरफ़ॉल्स उनके सामने कुछ भी नहीं लगेंगे. ऊंचाई पर बसे अम्बोली क़स्बे को वैसे तो हिल स्टेशन जैसा माना जाता है, पर बारिश में इसकी सुंदरता देखते ही बनती है. गर्मियों की तुलना में बारिश में यहां पर्यटकों की ज़्यादा भीड़ होती है. मुंबई से 525 किलोमीटर दूर अम्बोली पहुंचने में आपको साढ़े दस घंटे लग सकते हैं. रास्तेभर रोड साइड स्टॉल्स और ढाबा पेट पूजा का इंतज़ाम कर देंगे.