सौंदर्य से जुड़ी कई परिभाषाएं और उम्मीदें होती हैं, जिनका सामना महिलाओं को करना पड़ता है. तय रूप से आपके साथ भी ऐसा हुआ होगा, जब किसी रिश्तेदार ने आपके बालों की लंबाई के आधार पर आपको कहा होगा,‘तुम लड़कों की तरह दिख रही हो.’ या आप मोटी न हो जाएं इसलिए आपको बेहद चुनौतीपूर्ण डायट का अनुसरण करना पड़ा हो. कहने का मतलब यह है कि सौंदर्य काफ़ी नियमों और बंधनों में बंध गया है. लेकिन इसे बदलने की ज़रूरत है, क्योंकि हर महिला अनूठी है. हो सकता है आपकी बहन को डिम्पल्स आते हों, या आपकी दोस्त के बाल कमर तक लंबे हों, तो क्या हुआ, आपकी मुस्कान आपका प्लस पॉइंट हो सकती है. हम यहां सौंदर्य से जुड़ी कुछ ऐसी ही घिसी-पिटी धारणाओं के बारे में बात कर रहे हैं, जिन्हें तोड़ना बहुत ज़रूरी है.
लंबे बाल लड़कियों पर जंचते हैं, वहीं छोटे बाल उन्हें लड़कों जैसा लुक देते हैं.
मोटी लड़कियां अच्छी नहीं दिखतीं.
कोई भी लड़की बिना मेकअप या प्लास्टिक सर्जरी के ख़ूबसूरत नज़र नहीं आ सकती.
गोरी रंगत ही मोहक और आकर्षक लगती है.
कर्ली बाल अनूठे लगते हैं.
40 के पार की महिलाओं को रेड लिपस्टिक नहीं लगानी चाहिए, क्योंकि ये उनकी उम्र के लिए ठीक नहीं.
तिल और मस्सों को कंसील करना चाहिए.
लंबी लड़कियों को हील्स नहीं पहननी चाहिए.
सफ़ेद बालों को भूलकर भी दिखने न दें.
चश्मे बेवकूफ़ या पढ़ाकू किस्म के लोगों पर ही जंचते हैं.