क्या आदिवासी परंपरानुसार विकी कौशल भी कटरीना कैफ को गोद में उठाएंगे?
कटरीना कैफ और विकी कौशल का विवाह होने जा रहा है। राजस्थान स्थित सुरम्य स्थान में तीन दिवसीय विवाह संपन्न होगा
जयप्रकाश चौकसे। कटरीना कैफ और विकी कौशल का विवाह होने जा रहा है। राजस्थान स्थित सुरम्य स्थान में तीन दिवसीय विवाह संपन्न होगा। कुछ ही दिनों बाद रणबीर कपूर और आलिया भट्ट का विवाह भी होने जा रहा है। एक दौर में रणबीर कपूर और कटरीना कैफ के मधुर संबंध रहे हैं। रबींद्र नाथ टैगोर की कथा 'नौका डूबी' में दो नव विवाहित जोड़े नाव से जा रहे होते हैं। भंवर में फंसी नौका के डूबने के कारण एक दुल्हन मर जाती है और घटनाक्रम कुछ ऐसा चलता है कि बची हुई दुल्हन उस घर में पहुंच जाती है जहां उसका विवाह हुआ ही नहीं है।
जीवन के सभी पक्षों पर रबींद्र नाथ टैगोर ने कथाएं रचीं हैं। रबींद्र नाथ टैगोर ने उतने शब्द लिखे हैं, जितने आसमान में तारे। विवाह से प्रेरित अनगिनत फिल्में बनी हैं। 'बैंड बाजा बारात' से लेकर 'दुल्हनिया...' तक। इन फिल्मों को देखने से प्रतीत होता है कि भारत शादी प्रधान देश है। ख्वाजा अहमद अब्बास की फिल्म 'चार दिल चार राहें' में ऊंची जात में जन्मा नायक नीची जात की लड़की से प्रेम करता है। समाज इस विवाह में शामिल नहीं होता।
राजकुमार संतोषी की फिल्म 'लज्जा' में एक संवाद है कि 'अकड़ कर सिर उठाए चलने वाला मेहमान वर पक्ष का है और सिर झुकाए खड़ा व्यक्ति वधू पक्ष का है।' बाराती और घराती के व्यवहार में अंतर होता है। दहेज मात्र लक्षण है। अत्यंत गरीब लोगों के विवाह में दहेज के नाम पर बारातियों के लिए कुछ घड़े देसी ठर्रे के शामिल होते हैं। पहले ही तय कर लिया जाता है कि मिट्टी के कितने घड़ों में शराब होगी। मिट्टी के कुल्हड़ में शराब पी जाती है।
कलाकार सईद जाफरी हर दावत में अपने कोट की जेब में चांदी का गिलास रखते थे। उनका विचार था कि शराब जैसी नायाब चीज़ कांच के गिलास में नहीं पीनी चाहिए। सईद जाफरी की पहली भारतीय फिल्म 'चश्मे बद्दूर' में दीप्ति नवल और फ़ारुख़ शेख़ ने काम किया था। शम्मी कपूर और गीता बाली ने आधी रात के बाद मंदिर के पुजारी को जगाया। ज्ञातव्य है कि वह मंदिर, श्मशान परिसर में बना था।
संभवत: मंत्रोच्चार की आवाज से कोई मुर्दा जागा और उसने श्राप दिया कि उसकी नींद में खलल डालने वाला सुख से नहीं रहेगा परंतु गीता और शम्मी सुखी रहें। सरल स्वभाव के आदिवासियों के विवाह भी सादगी से संपन्न होते हैं। होने वाले वर को अपनी वधु को गोद में लिए वहां तक दौड़ना होता है जहां वधू के भाई का तीर वृक्ष के तने में लगा है। वधू की सहेलियां सारे समय वर को गुदगुदाती रहती हैं कि वह वधु को गिरा दे और विवाह रुक जाए। यह एक तरह से दूल्हे के दमखम की परीक्षा है।
याद रहे कि आर.बाल्की की फिल्म में तबु, अमिताभ से कहती हैं सामने लगे वृक्ष तक दौड़ कर जाएं और वापस आएं। बाद में वह कहती है कि वह तो दमखम देख रही थी। एक आदिवासी समाज में प्रेमी को प्रेमिका के घर कुछ माह तक नौकरी करनी होती है। यही शादी की शर्त है। कन्या का पिता होने वाले दामाद को कई तरह के कष्ट देता है। प्रेमिका अपने पिता के मंसूबों को समझ लेती है कि वह उसके प्रेमी का मार देना चाहते हैं। वह अपने प्रेमी के साथ भाग जाती है। मेहरुन्निसा परवेज ने इस तरह की कथाएं लिखी हैं।
गुलशेर शानी ने भी बस्तर के जनजीवन पर बहुत कुछ लिखा है। उनका उपन्यास 'काला जल' क्लासिक है। क्या आदिवासी परंपरानुसार विकी कौशल भी कटरीना कैफ को गोद में उठाएंगे? क्या यह बारात मुंबई के बांद्रा स्थित गैलेक्सी के सामने से जाएगी? किसी दौर में स्वयंवर में महिला को अधिकार था कि वह अपना वर चुने। एक बार विवाह करने वाली महिला ने सभी राजकुमारों को अनदेखा किया और घोड़े के गले में वरमाला डाल दी। वह शापित था और माला पहनते ही राजकुमार बन गया।