भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर गोलीबारी रोकने की सहमति दीर्घकालिक होगी?

ये खबर अचानक आई कि भारत और पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर शांति कायम करने का संकल्प लिया है

Update: 2021-03-01 06:31 GMT

ये खबर अचानक आई कि भारत और पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर शांति कायम करने का संकल्प लिया है। पिछले कुछ वर्षों से जैसा माहौल रहा है, उसके बीच ये हैरतअंगेज ही है। इसी बीच महीनों से चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी तनाव घटाने की तरफ कदम उठाए गए हैँ। भारत ने ये कदम किस शर्त या कीमत पर उठाए, ये अलग सवाल है। लेकिन मुद्दा यह है कि आखिर ये बदलाव क्यों और कैसे हुआ है? क्या यह अमेरिका में प्रशासन बदलने का परिणाम है? इस सिलसिले में यह भी जिक्र किया जा सकता है कि पिछले दिनों कश्मीर में 4-जी इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई। लाजिमी है कि कूटनीतिक विशेषज्ञ ऐसे बदलावों का मतलब समझने की कोशिश कर रहे हैँ। बहरहाल, सवाल यह भी है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर गोलीबारी रोकने की सहमति क्या इस बारे दीर्घकालिक होगी? या जल्दी ही वहां तनाव ज्यादा गंभीर रूप में लौट आएगा? दोनों देशों के साझा बयान के मुताबिक दोनों पक्षों ने सभी अनुबंधों और समझौतों का कड़ाई से पालन करने नियंत्रण रेखा सहित सभी क्षेत्रों में युद्धविराम का पालन करने पर सहमति व्यक्त की है।


ये सहमति भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियानों के निदेशक जनरलों (डीजीएमओ) की हॉटलाइन पर हुई बातचीत के दौरान बनी। गौरतलब है कि 2003 में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम को लेकर समझौता हुआ था। उसके तहत दोनों देशों ने तय किया था कि उनकी सेनाएं एक दूसरे पर गोलीबारी नहीं करेगी। लेकिन साल 2020 की ही बात की जाए, तो 4100 से ज्यादा मौकों पर संघर्ष विराम का उल्लंघन हुआ। पाकिस्तान पर आरोप रहा है कि वह संघर्ष विराम उल्लंघन की आड़ में आतंकियों की घुसपैठ कराता है। बेशक ताजा सहमति टिकाऊ हुई तो दोनों देशों में जान-माल का नुकसान कम होगा। जो गांव नियंत्रण रेखा के पास हैं, वहां के लोग शांति से रह पाएंगे। लेकिन जब तक दोनों देशों के बीच विवाद के असली मुद्दे हल नहीं होते, ऐसी सहमतियों से ज्यादा उम्मीद पालने की कोई वजह नहीं हो सकती। इनमें सबसे प्रमुख मसला कश्मीर का है। पिछले हफ्ते कोलंबो में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि कश्मीर का मसला केवल बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है। सवाल है कि क्या भारत सरकार इस मसले पर, जिसे वह भारत की आंतरिक समस्या मानती रही है, पाकिस्तान से बातचीत के लिए राजी होगी?


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