क्या तमिलनाडु में कांग्रेस अकेले लड़ेगी चुनाव, DMK से सीटों को लेकर नहीं बन रही बात
तमिलनाडु (Tamil Nadu) में मामला त्रिकोणीय हो सकता है
तमिलनाडु (Tamil Nadu) में मामला त्रिकोणीय हो सकता है. खबर आ रही है कि कांग्रेस DMK से सीटों को लेकर नाराज है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि DMK कांग्रेस को सम्मानजनक सीटें देने को तैयार नहीं है. दरअसल कांग्रेस पहले 45 सीटों की मांग कर रही थी, फिर बात तीस तक आई लेकिन DMK उसे 25 से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं है. इसी बात को लेकर कांग्रेस के नेता DMK से नाराज हैं और उनका कहना है कि अगर DMK हमें सम्मानजनक सीटें नहीं देती है तो हमारे पास किसी दूसरे विकल्प को देखने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा.
कांग्रेस के क्षेत्रीय नेताओं का मानना हे कि अगर उन्हें 30 से कम सीटें मिलीं तो कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ने पर विचार कर सकती है. हालांकि अगर ऐसा हुआ तो इससे कांग्रेस से ज्यादा DMK का नुकसान होगा क्योंकि उसका वोट बैंक बंट जाएगा. वहीं DMK कांग्रेस के पिछले चुनावों में प्रदर्शन को देख कर घबरा रही है कि कहीं बिहार और यूपी जैसा हाल यहां भी न हो जाए कि कांग्रेस की वजह से वह सरकार बनाने से पीछे रह जाए. इसलिए वह रिस्क नहीं लेना चाह रही है.
पिछली बार 40 सीटें दी गई थीं
दरअसल पिछले विधानसभा चुनाव में DMK ने कांग्रेस को 40 सीटें दी थीं. हालांकि इसमें से कांग्रेस ने केवल 8 सीटों पर ही जीत हासिल की थी. जबकि DMK ने 89 सीटों पर जीत हासिल की थी. कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि पिछले विधानसभा से कम सीटें दी गईं तो हमारे लिए DMK के साथ चुनाव लड़ना मुश्किल होगा. हालांकि तमिलनाडु में अभी अकेले लड़ने की मांग सिर्फ क्षेत्रीय नेताओं की ओर से ही उठ रही है. केंद्रीय नेतृत्व अभी इस पर कोई विचार कर रहा है ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं.
5 मार्च को हुई थी बैठक
DMK की ओर से मिल रहे अपमान का जवाब देने के लिए तमिलनाडु कांग्रेस के अलागिरी ने 5 मार्च को पार्टी की आंतरिक बैठक बुलाई थी. इस बैठक में राज्य के सभी बड़े नेता मौजूद थे. कांग्रेस नेताओं ने आपस में चर्चा की कि गठबंधन को लेकर क्या फैसला करना चाहिए. इसके बाद केंद्रीय नेतृत्व से बात किया. हालांकि तमिलनाडु कांग्रेस के एक धड़े का मानना है कि उसे अकेले चुनाव लड़ना चाहिए. वहीं दूसरा धड़ा गठबंधन के साथ जाने की बात पर राजी है. लेकिन इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है कि कांग्रेस गठबंधन को लेकर क्या निर्णय लेगी.
कमल हासन के साथ जाएगी कांग्रेस?
कांग्रेस अगर DMK के साथ चुनाव नहीं लड़ती है तो उसके पास सिर्फ एक ही पार्टी के साथ गठबंधन करने का विकल्प बचेगा और वह है कमल हासन की पार्टी 'मक्कल निधि मय्यम' (MNM). दरअसल DMK ने कई छोटे दलों के साथ गठबंधन कर लिया है, जिससे कांग्रेस के हिस्से की भी सीटें उसने उन छोटी पार्टियों को दे दिया है. इस बात से कांग्रेस खासा नाराज है. कमल हासन की पार्टी भी अकेले चुनाव लड़ रही है अगर कांग्रेस और MNM एक साथ चुनाव लड़ती हैं तो हे सकता है कि दोनों पार्टियां कुछ सीटों पर बढ़त बना लें. लेकिन MNM से कांग्रेस का गठबंधन होगा उस पर कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी.
दक्षिण में कांग्रेस के लिए अकेले लड़ना चुनौतीपूर्ण
दक्षिण की सियासत में दशकों से दो दलों की हुकूमत रही है, एक AIDMK और दूसरी DMK. AIDMK के पास जहां जयललिता का चेहरा था, वहीं DMK के पास एम. करुणानिधि का चेहरा था. हालांकि अब दोनों का निधन हो चुका है. लेकिन इसके बावजूद भी तमिलनाडु में अभी भी इन्हीं दोनों पार्टियों का जनाधार है. वहीं कांग्रेस के पास दक्षिण का कोई भी बड़ा चेहरा नहीं है, न ही कोई बड़ा नेता हे जिसके सहारे वह तमिलनाडु में अकेले दम भरने का सपना देखे. इसलिए कांग्रेस का फिलहाल अकेले चुनाव लड़ना अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना होगा. अगर फिर भी कांग्रेस ये फैसला लेती है तो वह DMK को नुकसान से ज्यादा बीजेपी और AIDMK को फायदा पहुंचाएगी.