अमेरिका में 5G तकनीक को लेकर डर और भ्रम क्यों? उड़ानें क्यों हो रही हैं रद्द?

अमेरिका (America) में इस सप्ताह से 5जी नेटवर्क (5G Network) शुरू करने को लेकर काफी हंगामा मचा है

Update: 2022-01-21 12:24 GMT

बिक्रम वोहरा अमेरिका (America) में इस सप्ताह से 5जी नेटवर्क (5G Network) शुरू करने को लेकर काफी हंगामा मचा है, लेकिन इसका ठीकरा किसी एक के सिर पर फोड़ना मुश्किल है. इस मामले को लेकर टॉप एयरलाइंस (Airlines) के 10 सीईओ ने मुलाकात की और 5जी नेटवर्क से हवाई जहाजों की सुरक्षा को खतरा बताते हुए विनाशकारी नतीजों की चेतावनी जारी कर दी. अगर यह मान भी लिया जाए कि 5जी नेटवर्क से काफी खतरा है तो इसके लिए भी ठोस आधार होना चाहिए. खासकर तब जब दुनिया के 40 देशों में 5जी नेटवर्क का इस्तेमाल किया जा रहा है और अमेरिका सहित दुनिया भर के विमान लगातार इन देशों के चक्कर काट रहे हैं. वहीं, दो साल से ज्यादा समय बीतने के बाद 5जी नेटवर्क की वजह से किसी भी तरह के हादसे की सूचना नहीं है.

इस मामले में किसी भी एयरपोर्ट के दो मील के दायरे में 5जी नेटवर्क एक्टिव करने को लेकर अमेरिका में एयरलाइंस और टेलीकॉम कंपनियां (वेरिजॉन और एटीएंडटी) के बीच टकराव की स्थिति बनी रही. हालांकि बाद में दोनों दिग्गज टेलीकॉम कंपनियों ने अमेरिका के कुछ मुख्य हवाई अड्डों के आसपास अपने टावर ऑन न करने पर सहमति जता दी. अंतिम क्षणों में कदम वापस खींचने से भले ही तनाव कम हो जाता है, लेकिन इससे समस्या का समाधान नहीं निकलता. इस मामले में यह समझना मुश्किल है कि आखिर ऐसी स्थिति क्यों बनी? दरअसल, ग्लोबल एयरलाइंस ने इस मामले में सावधानी बरतते हुए अमेरिका की उड़ानें रद्द कर दीं, जिससे हजारों मुसाफिर फंस गए. परेशान होने वाले यात्रियों में शिकागो, नेवार्क, जेएफके, ला गार्डिया, फ्रिस्को और सिएटल के लोग सबसे ज्यादा हैं. हालांकि, दोनों पक्षों के बीच कई हफ्ते से चल रहा गतिरोध अब तीखा हो गया है. ऐसा लग रहा है कि दोनों पक्ष अपने-अपने अहम के लिए झगड़ रहे हैं और एक-दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं.
एयरलाइंस कंपनियों को 2 बिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है
एयरलाइंस कंपनियों को आशंका है कि 5जी नेटवर्क की वजह से रेडियो ऑल्टीमीटर की रीडिंग पर खराब असर पड़ सकता है. वहीं, कम विजिबिलिटी वाले क्षेत्रों में खराब मौसम के दौरान सुरक्षित लैंडिंग में दिक्कत हो सकती है. यह चेतावनी पायलट और उसके उपकरणों के बीच भरोसे को कम कर सकती है, जो एयरलाइंस उद्योग के लिए बहुत बड़ा नुकसान साबित होगा. भले ही इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है, लेकिन इस बात की परवाह कोई नहीं कर रहा कि अमेरिकी हवाई अड्डे पर आने वाला फ्लाइट क्रू हमेशा खराब हालात को लेकर परेशान रहेगा. दरअसल, यह वह जगह नहीं है, जहां इस तरह के विवाद होने चाहिए.
गौरतलब है कि जिस ओवरलैप की बात की जा रही है, वह ये है कि C बैंड 5जी 3.7 और 3.98 गीगाहर्ट्ज की रेंज में काम करता है. वहीं, रडार ऑल्टीमीटर 4.2 और 4.4 गीगाहर्ट्ज पर काम करता है. भले ही इनमें काफी अंतर है, लेकिन बोइंग और एयरबस के लिए चिंता की बात यह है कि एयरक्राफ्ट कम्युनिकेशन सिस्टम अपने बैंड से अलग डेटा भी पकड़ सकते हैं, जिससे उनकी रीडिंग में गड़बड़ी हो सकती है.
मेरिका ने 2021 की शुरुआत में मोबाइल फोन कंपनियों के लिए मिड-रेंज 5G बैंडविथ की नीलामी 80 मिलियन डॉलर में की थी. यह स्पेक्ट्रम में 3.7-3.98 गीगाहर्ट्ज की रेंज में काम करता है, जिसे C बैंड के रूप में जाना जाता है. यह रकम अब नुकसान का सौदा साबित हो रही है. दरअसल, पिछले 24 घंटे के दौरान इस कंफ्यूजन की वजह से एयरलाइंस कंपनियों को 2 बिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है.
अमेरिका के 88 में से 48 हवाई अड्डे 5जी C बैंड की वजह से प्रभावित हो सकते हैं
हालांकि, AFP की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा है, 'पूरे देश में हर जगह 5जी नेटवर्क चलाया जाए, लेकिन हवाई अड्डे में रनवे के 2 मील के दायरे में इसका इस्तेमाल न किया जाए. FAA में भी इसका जिक्र किया गया है. FAA ने उन क्षेत्रों में ट्रांसपॉन्डर लगाए हैं, जहां 5जी नेटवर्क रहेगा. इससे फ्लाइट्स का संचालन सुरक्षित रूप से किया जा सकता है.
यह स्पष्ट है कि अमेरिका के 88 में से 48 हवाई अड्डे 5जी C बैंड की वजह से प्रभावित हो सकते हैं. गौर करने वाली बात यह है कि कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट आने के बावजूद एयरलाइंस उद्योग को जल्द रिकवरी होने की उम्मीद थी. हालांकि, अब यह 'खतरा' इंडस्ट्री के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकन एयरलाइंस, डेल्टा एयरलाइंस और यूनाइटेड एयरलाइंस के सीईओ ने एक मीटिंग की. उन्होंने कहा, 'हवाई जहाज से सफर करने वालों, शिपर्स, सप्लाई चेन और कोरोना वैक्सीन डिस्ट्रिब्यूशन समेत मेडिकल सप्लाई की डिलिवरी में आने वाली रुकावट को देखते हुए इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की जरूरत है.' रिपोर्ट के मुताबिक, इस पत्र सुरक्षा का हवाला देते हुए चेतावनी जारी की गई है. उनका कहना है कि हवाई जहाज निर्माताओं ने हमें सूचित किया है कि परिचालन दल के बड़े हिस्से को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की जरूरत हो सकती है. जैसा कि हमने देखा कि इन सभी बातों का ज्यादा असर नजर नहीं आया.
दुनिया के 40 देशों में 5जी नेटवर्क काफी पहले से इस्तेमाल किया जा रहा है
पिछली शाम कैरियर्स अपना शेड्यूल बनाने के लिए एक बार फिर संघर्ष करते दिखे. और एयर इंडिया अमीरात ऑल निप्पॉन, जेएएल, ब्रिटिश एयरवेज और लुफ्थांसा की कतार में शामिल हो गया, जिसके बाद अमेरिका की उड़ानें रोक दी गईं. ऐसे में हजारों लोग फंस गए और उन्हें जानकारी तक नहीं है कि उड़ानें दोबारा कब शुरू होंगी और यह बैकलॉग कैसे खत्म किया जाएगा.
इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात यह है कि न तो एविएशन इंडस्ट्री और न ही टेलीकॉम कंपनी के दिग्गज कोई ठोस उपाय ढूंढ रहे हैं. निश्चित रूप से, अगर 5G की वजह से ऐसा कोई खतरा है तो पिछले कुछ महीनों में कई टेस्ट और मूल्यांकन जरूर किए गए होंगे, जिनसे इस संभावित खतरे का आकलन किया गया. अब इस मामले में जो कुछ भी सामने आ रहा है, वह बकवास के अलावा कुछ नहीं है.दरअसल, दोनों पक्ष एक-दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. दुनिया के 40 देशों में 5जी नेटवर्क काफी पहले से इस्तेमाल किया जा रहा है और वहां पुराने विमान सुरक्षित तरीके से चल रहे हैं. ऐसे में बिना किसी तथ्य के फैलाए जा रहे इस डर का कोई मतलब नहीं है
एक बेहद आसान-सा सवाल है. क्या बुधवार को 5जी नेटवर्क की शुरुआत करने से पहले किसी भी ड्राई रन में सुरक्षा के साथ समझौता किया गया? दरअसल, इस पूरे मामले में वास्तविक तथ्यों की जगह मनगढ़ंत बातें ज्यादा की जा रही हैं. वेरिजॉन और एटीएंडटी ने अपने फैसले के बचाव में तर्क भी पेश किए हैं. उनका कहना है कि यूरोप में काफी समय से 5जी नेटवर्क इस्तेमाल किया जा रहा है और अमेरिकी एयरलाइंस महीनों से वहां उड़ान भर रही हैं और अब तक 5जी की वजह से किसी भी तरह के हादसे की सूचना भी नहीं है. उनका मानना है कि 5G का इंस्ट्रुमेंटेशन पर कोई असर नहीं पड़ता है और इसका कोई सबूत भी नहीं है. 5G के चक्कर में कंफ्यूजन में रहने और उड़ानें रोकने से अरबों का नुकसान हो सकता है.
5जी नेटवर्क की वजह से एयरलाइंस को कोई परेशानी नहीं होगी : वेरिजॉन और एटीएंडटी
इस बीच FAA ने स्पष्ट कर दिया है कि विशिष्ट रडार ऑल्टीमीटर स्थापित करने के बाद विमान 5जी नेटवर्क वाले हवाई अड्डों पर उतर सकता है. हालांकि, अनुमान जताया जा रहा है कि अगले कुछ हफ्तों के दौरान अपने उपकरणों पर विश्वास करना पायलट के लिए गंभीर चिंता का विषय हो सकता है. यह बात भी गौर करने लायक है कि इस महीने की शुरुआत में फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने इस बातों का जिक्र करते हुए उड़ान योग्यता से संबंधित निर्देश जारी किए थे. एयरलाइंस ऑपरेटर्स इस चेतावनी को ही सबसे मजबूत आधार के रूप में पेश कर रहे हैं.
वेरिजॉन और एटीएंडटी ने साफतौर पर कहा है कि 5जी नेटवर्क की वजह से एयरलाइंस को कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन FAA इस पर यकीन नहीं कर रहा है. वायरलेस ऑपरेटर्स का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक सामान के इस्तेमाल के दौरान भी इस तरह की चिंता जाहिर की गई थी, लेकिन उनके खिलाफ कभी पर्याप्त सबूत नहीं मिले. इस पूरे मामले में परेशानी मुसाफिरों को उठानी पड़ रही है, क्योंकि वे दो कॉर्पोरेट की महाजंग में उलझ गए हैं और यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि कौन सही कह रहा है और कौन गलत. लेकिन इस मामले में सबसे अहम बात यह है कि क्या आप ऐसे विमान में सफर करेंगे, जिसके कप्तान को भरोसा ही नहीं है कि आगे क्या होने वाला है?
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