ट्विटर : एलन मस्क की अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब, बयानों के बीच उलझी हुई बात
दृष्टिकोण में बदलाव और क्या कंपनी विज्ञापन से पैसा बनाना जारी रखेगी आदि सवालों को लेकर असमंजस में थे।'
एलन ने कहा। वैसे मुझे कहना चाहिए, एलन ने ट्वीट किया। दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क द्वारा ट्विटर को 44 अरब डॉलर में खरीदने का समझौता करने के एक दिन बाद से लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, जिनमें लोगों की तिलमिलाहट भी है और चिंता भी। इनमें ज्यादातर चिंताएं मस्क के वक्तव्यों से जुड़ी हैं, जिनमें वह 'अभिव्यक्ति की आजादी' की बात कर रहे हैं, फिर चाहे इसका जो मतलब हो।
मस्क ने मंगलवार को एक ट्वीट कर इसे थोड़ा उजागर किया। सबसे पहले उन्होंने ट्वीट किया, 'सबसे कड़ी प्रतिक्रिया उनकी ओर से आई है, जो अभिव्यक्ति की आजादी से डरते हैं।' क्या ऐसा ही है? मस्क ने फिर ट्वीट किया, 'अभिव्यक्ति की आजादी से मेरा सीधा मतलब है कि जो कानून के दायरे में हो। मैं सेंसरशिप के खिलाफ हूं, जो कानून के दायरे से बहुत बाहर तक जाती है। यदि लोग अभिव्यक्ति की आजादी में कमी चाहते हैं, तो वे सरकार से इस आशय के कानून पारित करने के लिए कहेंगे। इसलिए, कानून से परे जाना लोगों की इच्छा के विपरीत है।'
लेकिन इससे यह मसला बिल्कुल स्पष्ट नहीं हुआ। अभी भी मस्क के स्वामित्व वाले 'ट्विटर में असल में अभिव्यक्ति की आजादी का स्वरूप कैसा होगा, इसके बारे में साफ नहीं हुआ। और जब तक इसका पता नहीं चलेगा, तब तक यह एक बड़ी चिंता का विषय होगा।
न्यूयॉर्क टाइम्स में शिरा ओवाइड ने लिखा, 'जल्द ही, मस्क को अभिव्यक्ति की आजादी के आदर्श दृष्टिकोण और सभी को कुछ कहने देने के लिए किए जाने वाले अरबों मुश्किल निर्णयों के बीच के फासले को महसूस करना होगा।
ओवाइड आगे कहती हैं, 'मस्क इस विषय पर थोड़े मस्तमौला हैं और अभी तक उन्होंने ऐसी मुश्किलों का सामना नहीं किया है, जिसमें एक व्यक्ति की अभिव्यक्ति की आजादी दूसरे की आवाज को चुप कर देती है और जिसमें अभिव्यक्ति के लिए जितनी जगह मिलती है, वह स्पैम, नग्नता, निरंकुश लोगों के प्रोपगैंडा, बच्चों को धमकाने और हिंसक उकसावे के साथ खत्म हो जाता है।'
वह आगे कहती है, 'अगर ट्विटर अपनी साइट पर अभिव्यक्ति को नियंत्रित करना छोड़ देना चाहता है, तो क्या लोग दूसरी जगह जाने के लिए कम इच्छुक होंगे, जहां उन्हें उन लोगों द्वारा परेशान किया जा सकता है, जो उनसे असहमत हैं और क्रिप्टोकरेंसी, नकली गुच्ची हैंडबैग या अश्लील साहित्य के प्रचार से घिरे हुए हैं। इस बीच, क्या अब इसका मतलब यह होगा कि मस्क को यह तय करना होगा कि किसे क्या कहना है?
न्यूयॉर्क टाइम्स के डेविड लियोनहार्ड्ट कहते हैं, 'यह सौदा इस बात का नवीनतम उदाहरण है कि कैसे अत्यधिक असमानता अमेरिकी समाज को आकार दे रही है। चंद अति-समृद्ध लोग ऐसे निर्णय लेते हैं, जो लाखों लोगों को प्रभावित करते हैं। यह हमेशा सच रहा है, बिल्कुल। लेकिन यह तब और बड़ा सच हो जाता है, जब असमानता इतनी ज्यादा हो।'
लियोनहार्ड्ट आगे कहते हैं, 'इस सौदे से मस्क को किसी को भी इस मंच पर आने देने या न आने देने की क्षमता हासिल हो जाएगी, जिससे वे राजनेताओं, मशहूर हस्तियों और मीडिया पर भारी प्रभाव जमा सकेंगे।' यह कहानी अगले कई हफ्तों और महीनों में विकसित होती रहेगी और मैं यह कहने की हिम्मत करता हूं कि ऐसा वर्षों तक चलता रहेगा। लेकिन फिलहाल जिन्हें तत्काल चिंता है, वे 5,000 से भी ज्यादा ट्विटर के कर्मचारी हैं।
वाशिंगटन पोस्ट की एलिजाबेथ ड्वोस्किन ने एक खबर लिखी, जिसका शीर्षक था : 'ट्विटर के कार्यकर्ता उस असलियत का सामना करेंगे, जिसका उन्हें एलन मस्क के मालिक होने से लंबे समय से डर था।' एक ट्विटर कर्मचारी ने ट्वीट किया, 'आज की खबर इतनी क्रैजी है कि मैं सचमुच भूल गया कि मुझे कोविड है।'
ड्वोस्किन लिखती हैं कि सोमवार को घोषणा के बाद एक टाउन हॉल की बैठक में, 'नेतृत्वकर्ता भविष्य की छंटनी, अभिव्यक्ति की आजादी और सुरक्षा को लेकर कंपनी के दृष्टिकोण में बदलाव और क्या कंपनी विज्ञापन से पैसा बनाना जारी रखेगी आदि सवालों को लेकर असमंजस में थे।'
सोर्स: अमर उजाला