कोरोना से जंग जीतने के लिए जरूरी है कम समय में ज्यादा से ज्यादा टीके उपलब्ध हों
कोरोना टीके
भूपेंद्र सिंह। कोरोना से उपजे कठिन हालात के बीच रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ की ओर से तैयार की गई 2-डीजी नामक दवा उम्मीद की एक किरण है। डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज के सहयोग से विकसित इस दवा को कारगर मानते हुए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ने इसके उपयोग की मंजूरी भी दे दी है। अब आवश्यकता इसकी है कि इस दवा का जल्द से जल्द बड़े पैमाने पर उत्पादन हो। चूंकि यह एक जेनरिक दवा है, इसलिए इसके व्यापक उत्पादन में कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए। उत्पादन के साथ यह भी देखना होगा कि वह देश भर में यथाशीघ्र उपलब्ध हो। चूंकि आसानी से उपयोग में लाई जा सकने वाली इस दवा का परीक्षण इसी मार्च तक हुआ है, इसलिए यह उम्मीद की जाती है कि यह कोरोना वायरस के बदले हुए रूपों के शिकार मरीजों पर भी असर करेगी। जो भी हो, इसे सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। इसी तरह की आवश्यकता इसकी भी है कि कोविड रोधी जो टीके इस्तेमाल किए जा रहे हैं, वे कोरोना वायरस के बदले हुए रूपों पर असरकारी हैं या नहीं? यह पता लगाने में देर नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि टीके की दोनों खुराक लेने के बाद भी कुछ लोग कोरोना का शिकार बने हैं।