खतरा फिर गंभीर है
जनता कर्फ्यू से शुरू होकर लॉकडाउन में उसके बदलने का एक साल पूरा हो गया है।
जनता से रिश्ता वेबडेसक | जनता कर्फ्यू से शुरू होकर लॉकडाउन में उसके बदलने का एक साल पूरा हो गया है। लेकिन उसकी बरसी पर भारत तनिक भी चैन की सांस लेने की स्थिति में नहीं है। बल्कि कुछ समय पहले चैन की सांस की जो उम्मीद बनी थी, वह रोज टूटती जा रही है। बीते एक साल में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम का टीका आ चुका है। मगर संक्रमण पर रोक लगने की कोई संभावना फिलहाल नजर नहीं आती। उलटे कोरोना की लहर भी तेजी से बढ़ रही है। एक बार फिर सबसे बुरा हाल महाराष्ट्र का है। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर पुष्टि कर चुके हैं कि राज्य में कोरोना वायरस की दूसरी लहर शुरू हो गई है। इसी तरह आठ राज्यों में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। मगर इस बार लोग उतने चिंतित नहीं हैं। फिलहाल आलम यह है कि लोग अब बिना मास्क के ही बाजारों, सड़कों और अन्य जगहों पर नजर आ जाते हैं। कोरोना के प्रति लोगों की गंभीरता कम हो चुकी है। ऐसा क्यों है?