चुनाव आयोग के कड़े निर्देश!
कोरोना संक्रमण के भयंकर दौर में इसे विरोधाभास से ऊपर त्रासदी ही कहा जायेगा कि आज भी प. बंगाल के कुछ चुनाव क्षेत्रों में अंतिम चरण का मतदान हो रहा है
आदित्य चोपड़ा: कोरोना संक्रमण के भयंकर दौर में इसे विरोधाभास से ऊपर त्रासदी ही कहा जायेगा कि आज भी प. बंगाल के कुछ चुनाव क्षेत्रों में अंतिम चरण का मतदान हो रहा है और उत्तर प्रदेश में भी त्रिस्तरीय ग्राम पंचायतों के चुनाव का अंतिम चरण है। इस स्थिति को चुनाव आयोग और उत्तर प्रदेश की सरकार टाल सकती थी मगर जन स्वास्थ्य के प्रति उत्तरदायित्व हीनता का भाव हमारी समूची प्रशासनिक प्रणाली का स्थायी अंग इस तरह बना हुआ है कि हम इसे 'हादसों' की तरह लेने के आदी बन चुके हैं परन्तु प्रसन्नता की बात यह है कि देश का चुनाव आयोग नींद से जागा है और उसने मतगणना वाले दिन 2 मई के लिए कठोर नियमावली जारी की है जिससे कोरोना संक्रमण भीड़ का लाभ उठा कर और ज्यादा न फैल सके। चुनाव आयोग ने 2 मई के लिए जो नियमावली जारी की है उसके तहत कोई भी विजयी प्रत्याशी विजय जुलूस नहीं निकाल सकेगा। इसके साथ ही चुनावों में विजयी घोषित प्रत्याशी के साथ केवल दो व्यक्ति ही उसका निर्वाचन प्रमाणपत्र लेने जा सकेंगे। निश्चित रूप से ये कदम स्वागत योग्य हैं परन्तु मतगणना केन्द्रों पर प्रत्येक प्रत्याशी के एजेंट का होना जरूरी होता है जिससे मतों की गिनती में पूरी पारदर्शिता रह सके।