मानसून की रफ्तार
करीब तीन हफ्ते पहले जब देश के ज्यादातर हिस्सों में लू चल रही थी और तापमान पिछले रेकार्ड तोड़ रहा था, तब यही लग रहा था कि मानसून जल्द आए ताकि गर्मी से राहत मिल सके।
Written by जनसत्ता: करीब तीन हफ्ते पहले जब देश के ज्यादातर हिस्सों में लू चल रही थी और तापमान पिछले रेकार्ड तोड़ रहा था, तब यही लग रहा था कि मानसून जल्द आए ताकि गर्मी से राहत मिल सके। शुरू में ऐसा होता दिखा भी। मौसम विभाग ने समय से तीन-चार दिन पहले ही मानसून के केरल पहुंचने की बात कही थी। वैसे केरल में मानसून जून के पहले हफ्ते में ही दस्तक देता है, पर इस बार मई के आखिरी हफ्ते में ही ज्यादातर जिले तरबतर हो गए।
इसी से लगा था कि अबकी बार हर राज्य में मानसून समय से आ जाएगा। लेकिन भारतीय मौसम विभाग ने बताया है कि मानसून की रफ्तार उम्मीदों के मुताबिक नहीं है। उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों में बारिश की शुरुआत तो हो गई, लेकिन मानसून पूरी तरह आ गया हो, ऐसा नहीं है। सबको मानसून का इंतजार है, खासतौर से किसानों को।
राहत की बात बस यह है कि पश्चिमोत्तर और मध्य भारत में लू का दौर खत्म हो चुका है। कई जगहों पर आंधी-बारिश ने गर्मी से निजात दिलाई है। इसलिए मौसम विभाग का यह अनुमान सही लग रहा है कि आने वाले दिनों में गर्मी का दौर खत्म होगा और मानसूनी बारिश की झड़ी लगेगी।
पिछले पांच साल में तीसरी बार ऐसा हुआ जब मानसून अपने तय वक्त से तीन-चार दिन पहले ही केरल पहुंच गया था। इससे पहले 2017 और 2018 में ऐसा हुआ था। लेकिन देश में अलग-अलग स्थानों के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि मानसून के पहले पखवाड़े में बत्तीस फीसद कम बारिश हुई है। कई जगहों पर खासा पानी पड़ रहा है तो कई इलाके बारिश के इंतजार में हैं।