सीमा विवाद का समाधान: केंद्र सरकार के प्रयासों से असम और मिजोरम आपसी कटुता को दूर करने के लिए हुए सहमत
सीमा विवाद को लेकर आपस में बुरी तरह उलझे असम और मिजोरम का सुलह की राह पर आना एक राहत की खबर है।
भूपेंद्र सिंह| सीमा विवाद को लेकर आपस में बुरी तरह उलझे असम और मिजोरम का सुलह की राह पर आना एक राहत की खबर है। इस विवाद ने जिस तरह हिंसक रूप लिया और फिर दोनों राज्य एक-दूसरे पर दोषारोपण करने में जुट गए, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक था। कायदे से तो इस विवाद के हिंसक रूप लेने का कोई औचित्य ही नहीं बनता था, लेकिन ऐसा लगता है कि दोनों ही पक्षों ने आवश्यक संयम और सतर्कता का परिचय नहीं दिया। इसका परिणाम यह हुआ कि मिजोरम की ओर से की गई गोलीबारी में असम पुलिस के छह जवानों और एक नागरिक की जान चली गई। ऐसा बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए था-इसलिए और भी नहीं, क्योंकि दोनों ही राज्यों में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन की सरकार है। समझना कठिन है कि सीमा विवाद को लेकर जो तनाव उत्पन्न हो गया था, उसे समय रहते आपसी बातचीत के जरिये हल करने की कोई कोशिश क्यों नहीं की गई? ऐसा न किए जाने के जैसे घातक नतीजे सामने आए, उनसे दोनों ही राज्यों को सबक लेना चाहिए। बीते कुछ दिनों में दोनों राज्य ऐसा व्यवहार करते नजर आए, जैसे वे पड़ोसी राज्य नहीं, बल्कि दो देश हों।