कारोबारियों को राहत
जीएसटी काउंसिल ने शनिवार को हुई अपनी 48वीं बैठक में इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर सहमति दे दी कि अधिकतम 2 करोड़ रुपये तक की गड़बड़ियों के मामलों में मुकदमा नहीं चलाया जाएगा।
फाइल फोटो
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | जीएसटी काउंसिल ने शनिवार को हुई अपनी 48वीं बैठक में इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर सहमति दे दी कि अधिकतम 2 करोड़ रुपये तक की गड़बड़ियों के मामलों में मुकदमा नहीं चलाया जाएगा। अभी तक यह सीमा एक करोड़ रुपये थी। काउंसिल ने सरकारी ऑफिसर के काम में बाधा पहुंचाने, सबूतों से छेडछाड़ करने और आवश्यक सूचनाएं मुहैया न कराने जैसे आरोपों को भी दंडनीय अपराध की श्रेणी से बाहर करने की बात कही है। ये फैसले कारोबारियों को बड़ी राहत देने वाले हैं। असल में कारोबारियों के लिए टैक्स चुकाना उतना बड़ा सिरदर्द नहीं होता, जितना कर अधिकारियों को इस बात का विश्वास दिलाना कि उन्होंने नियमानुसार टैक्स भरे हैं। अक्सर इस बात को लेकर दोनों पक्षों में मतभेद होता है कि कितना टैक्स चुकाया गया है और कितना बनता है। अगर ये मतभेद आपस में नहीं सुलझते तो मामला अदालत पहुंचता है। अक्सर ऐसी स्थिति में अदालतों पर मुकदमे का बोझ तो बढ़ता ही है, कारोबारियों का भी वक्त जाया होता है। जो ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के लिहाज से ठीक नहीं होता।