बढ़ती उम्र में में सर्दी से सुरक्षा

Update: 2025-01-12 14:09 GMT
Vijay Garg: उम्र बढ़ने लगती है, तो सर्दी का अहसास भी अधिक होने लगता है। इसलिए कि बुढ़ापे में अक्सर रक्त प्रवाह कमजोर पड़ जाता है । शरीर की ऊष्मा मंद पड़ जाती है। इसलिए सर्दी का मौसम बुजुर्ग लोगों के लिए कठिन साबित होता है। इस उम्र में रक्त के थक्के जमने अचानक शरीर का ताप गिरने से लकवा मार जाने की आशंका रहती है। ऐसे में खासकर बुजुर्ग लोगों को सर्दी में अधिक सावधान रहने की जरूरत होती है। कुछ एहतियाती उपाय कर लें, तो सर्दी के प्रकोप से बचना आसान हो जाता है ।
गर्म कपड़े
इस मौसम में साठ से ऊपर आयु के लोगों को गर्म कपड़े से हर समय शरीर को ढक कर रखना चाहिए । पांवों में गर्म जुराबें और हाथों में दस्ताने जरूर पहनें। सिर पर टोपी और गले में मफलर जरूर लपेट कर रखें। शरीर के तापमान का हमेशा ध्यान रखें। अगर ठंड अधिक हो तो कंबल के साथ रजाई भी जोड़ लें । गर्म पानी सर्दी के मौसम में कमरे के तापमान पर रखा पानी भी काफी ठंडा हो जाता । ठंडा पानी पीने से बुजुर्ग लोगों के शरीर का तापमान एकदम से नीचे गिरता है, जो कि उनकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए इस मौसम में हमेशा पानी गुनगुना ही पीना चाहिए। अगर पानी में थोड़ा केसर डाल कर रख लें और जब भी पीना हो,
वही पानी पीएं, तो शरीर की ऊष्मा बनी रहती है। अगर केसर न हो, तो गुनगुने पानी में थोड़ा अजवाइन, जीरा और सौंफ या दालचीनी का एक टुकड़ा डाल कर रख लें। इससे भी शरीर में गर्मी बनी रहता है।
बढ़ती उम्र में कई लोगों को मूत्र रोग की परेशानी बढ़ जाती है। जिन लोगों को मधुमेह है, उन्हें कई बार शौचालय जाना पड़ता है। ऐसे में कई लोग रात को नींद से उठ कर शौचालय जाते हैं । यह वक्त बहुत सावधानी बरतने का होता है। अक्सर जब आप रजाई में सो रहे होते हैं और अचानक उससे उठ कर नंगे पांव ठंडे फर्श पर रखते हैं, तो ठंड लगने का खतरा रहता है। दूसरे, जब मूत्र त्याग करते हैं, तो शरीर का तापमान एकदम से गिरता है। इस तरह गरम शरीर को एकदम से ठंड का झटका लगता है और कई लोगों को लकवा मार जाने का खतरा रहता है। ऐसे में बिना चप्पल पहने शौचालय न जाएं। दूसरे, रजाई से निकलने के बाद कुछ देर इंतजार करें, फिर जाएं। रजाई से निकलने के बाद सिर पर टोपी और बदन पर चादर जरूर लपेट लें।
हीटर से परहेज
कई बुजुर्ग ठंड बढ़ने पर हीटर का उपयोग करते हैं। दरअसल, उनसे ठंड सहन नहीं होती। मगर हीटर का उपयोग कई तरह से हानिकारक है । एक तो, कमरे में कार्बन मोनो आक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है, दूसरे शरीर का प्राकृतिक चक्र बिगड़ता है। इसलिए जहां तक हो सके गर्म कपड़ों और शरीर में गर्मी पैदा करने वाले खानपान के जरिए शरीर की ऊष्मा बनाए रखने का प्रयास करें। अगर किसी वजह से हीटर का इस्तेमाल करना ही पड़े, तो बगल में एक बाल्टी पानी भर कर जरूर रख लें, ताकि कमरे में जरूरी वाष्पन होता रहे और आक्सीजन की मात्रा ठीक बनी रहे । नहीं, तो सांस तकलीफ भी शुरू हो सकती है।
विजय गर्ग सेवानिवृत्त प्रिंसिपल शैक्षिक स्तंभकार स्ट्रीट कौर चंद एमएचआर मलोट पंजाब
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