महिलाओं को 1000 रुपये पेंशन का वादा, पंजाब इकॉनमी जाए भाड़ में पर आम आदमी पार्टी को तो लीड मिल गई

पंजाब इकॉनमी जाए भाड़ में पर आम आदमी पार्टी को तो लीड मिल गई

Update: 2021-11-25 07:21 GMT

संयम श्रीवास्तव

चुनाव आते ही लोकलुभावन वादों की झड़ी लग जाती है. पंजाब में आने वाले कुछ महीनों में विधानसभा के चुनाव हैं और ऐसे वादों की लंबी कतारें लगनी शुरू हो गई हैं. आम आदमी पार्टी ने घोषणा की है कि अगर पंजाब में उसकी सरकार बनती है तो 18 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र की हर महिला के खाते में हर महीने एक हजार रुपए भेजे जाएंगे. सियासी गलियारों में चर्चा है कि अरविंद केजरीवाल का यह दांव अगर सही बैठ गया तो पंजाब में इस बार आम आदमी पार्टी का वर्चस्व होगा.
दरअसल 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान जो आंकड़े निकल कर सामने आए थे, उसके अनुसार पंजाब में इस समय 96.19 लाख महिला मतदाता हैं‌. हालांकि राजनीतिक पार्टियां मानती हैं कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव के वक्त पंजाब में लगभग एक करोड़ महिला मतदाता हो जाएंगी. अरविंद केजरीवाल के इस वादे से 'आप' को महिलाओं का समर्थन मिलेगा, इसमें कोई शक नहीं है. लेकिन क्या यह पंजाब के हित में होगा इस पर जरूर कई सवाल उठते हैं.
यह मुद्दा केजरीवाल को लीड दिलाएगा
मुफ्त में बिजली पानी देकर अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में पहले ही सरकार बना ली है. अब यही दांव वह पंजाब में भी चल रहे हैं. पंजाब की स्थिति ऐसी है कि अगर किसी भी पार्टी ने जरा सा जोर लगाया तो वह पंजाब में जीत का पताका लहरा सकते हैं. दरअसल पंजाब की मौजूदा कांग्रेस सरकार की स्थिति डावांडोल है, उसके सबसे बड़े नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह पार्टी छोड़कर अपनी एक अलग पार्टी बना चुके हैं. बीजेपी और अकाली दल का भी गठबंधन टूट चुका है और कांग्रेस अब नवजोत सिंह सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी के गुट के बीच जूझ रही है. ऐसे में लोगों के पास आम आदमी पार्टी का एक बेहतर विकल्प बचा है और चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल का इस तरह से लोकलुभावन वादे करना उनकी दावेदारी को और प्रबल बनाता है.
कर्ज में डूबे पंजाब के पास क्या इतने पैसे हैं
पंजाब इस वक्त पहले से ही कर्जे में डूबा हुआ है. ऐसे में अरविंद केजरीवाल का यह घोषणा की 18 वर्ष या उससे अधिक के उम्र की हर महिला को प्रति महीने 1000 रुपए दिए जाएंगे, पंजाब के ऊपर कर्ज के बोझ को और बढ़ाएगा. आंकड़ों के हिसाब से इस वक्त पंजाब में लगभग एक करोड़ 18 वर्ष या उससे अधिक के उम्र की महिलाएं हैं, ऐसे में अगर हर महीने 1000 रुपए प्रति महिला को दिया गया तो लगभग प्रतिवर्ष पंजाब सरकार को 12000 करोड़ रुपए का भुगतान करना पड़ेगा. यह पैसे कहां से आएंगे इसका जवाब तो अब अरविंद केजरीवाल ही देंगे. हालांकि उन्होंने इसका जवाब दिया भी अरविंद केजरीवाल का कहना है कि किसी भी सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं होती है. बस जरूरत है कि सरकारें लोगों के लिए काम करने की नियत रखें. आपको बता दें कि 2019-20 में पंजाब पर 2.29 लाख करोड़ रुपए का कर्ज था, जो 2020-21 में बढ़कर 2.61 लाख करोड़ रुपए हो गया. अनुमान है कि 2021-22 में यह कर्ज बढ़कर 2.82 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा.
सब्सिडी और लोकलुभावन योजनाओं की वजह से पंजाब पर बढ़ता दबाव
किसी भी राज्य में जब लोगों को सब्सिडी दी जाती है या लोकलुभावन योजनाएं चलाई जाती हैं तो उसका पूरा बोझ राज्य सरकार के खजाने पर पड़ता है. पंजाब पर भी इसी तरह के कई दबाव पड़ रहे हैं. 2021-22 के बजट के अनुमानों के हिसाब से किसानों, विभिन्न श्रेणियों के उद्योगों और दलित समुदाय के सदस्यों को दी जाने वाली सब्सिडी के कारण पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड का सरकार को बकाया लगभग 10621 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2019-20 में 9,394 करोड़ रुपए से ऊपर का था.
अभी हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरों में 3 फ़ीसदी की कटौती की घोषणा की, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि पंजाब सरकार के खजाने पर लगभग 3,300 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा. इसके साथ ही 2021-22 पंजाब बजट में कुछ नई योजनाओं की पहल की गई इसकी वजह से भी पंजाब सरकार के खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ा. जैसे किसानों को मुफ्त बिजली और मासिक सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 750 रुपए प्रति महीने से बढ़ाकर 1500 रुपए प्रति महीने करना या फिर हर घर पानी हर घर सफाई जैसी योजनाएं भी सरकार के खजाने पर अतिरिक्त बोझ डाल रही हैं.
गोवा और यूपी में भी आप ने चला है लोकलुभावन वादों का दांव
ऐसा नहीं है कि आम आदमी पार्टी ने केवल पंजाब में ही लोकलुभावन वादे किए हैं, जहां-जहां भी आने वाले समय में विधानसभा के चुनाव होने हैं आम आदमी पार्टी ने वहां वहां ऐसे वादों की झड़ी लगा दी है. गोवा में भी आम आदमी पार्टी ने वादे किए हैं कि अगर राज्य में हमारी सरकार बनी तो सबको फ्री में बिजली मिलेगी, हर गांव में एक मोहल्ला क्लीनिक खोला जाएगा और जब तक युवाओं को रोजगार नहीं दे दिया जाता हर महीने उन्हें 3000 रुपए बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा. इसी तरह से उत्तर प्रदेश में भी आम आदमी पार्टी ने कई लोकलुभावन वादे किए हैं. हालांकि उत्तर प्रदेश की सियासी जमीन पर फिलहाल आम आदमी पार्टी इतनी मजबूत नहीं है कि जीत की फसल लहलहा सके. लेकिन गोवा में उसकी स्थिति कुछ हद तक ठीक मानी जा रही है. इन सबके बीच सबसे ज्यादा सोचने वाली बात यह है कि ऐसे लोकलुभावन वादे क्या वाकई में किसी राज्य के लिए मुफीद साबित होते हैं या नहीं. क्योंकि सरकारें इस तरह की सहूलियत जनता को देखकर प्रदेश के खजाने पर अतिरिक्त बोझ डालती हैं.
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