पेगासस में जांच
पेगासस मामले में देश की सर्वोच्च अदालत का फैसला स्वागतयोग्य है
पेगासस मामले में देश की सर्वोच्च अदालत का फैसला स्वागतयोग्य है। अदालत ने इस मामले में स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर अपना जो फैसला सुनाया है, वह कतई नहीं चौंकाता। मामले को अंजाम तक पहुंचाने के लिए अदालत के पास शायद यही सबसे बेहतर विकल्प था। अब इस सनसनीखेज मामले की जांच एक्सपर्ट कमेटी करेगी। जांच समिति के गठन के साथ ही कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए यह भी कह दिया है कि लोगों की जासूसी किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं की जा सकती। सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यीय समिति गठित की है और जांच के लिए आठ सप्ताह की समय-सीमा तय करके बिल्कुल सही किया है। अदालत को सुनिश्चित करना चाहिए कि तय समय में जांच रिपोर्ट पेश हो जाए। हालांकि, यह रिपोर्ट सार्वजनिक होगी या नहीं, यह कहना कठिन है, लेकिन जब बड़े सवालों के जवाब जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से नहीं आ रहे हैं, तब शीर्ष अदालत से ही अब याचिकाकर्ताओं को उम्मीद है। यह जानना जरूरी है कि जासूसी के लिए क्या अवैध तरीके से पेगासस सॉफ्टवेयर का उपयोग किया गया है? आखिर पेगासस या जासूसी की जरूरत ही क्यों पड़ी है? शायद इन सवालों के जवाब सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति खोज पाएगी।
क्रेडिट बाय हिन्दुस्तान