प. बंगाल में चुनावी हिंसा
प. बंगाल में चल रहे विधानसभा चुनावों के दौरान शनिवार को इसके कूचबिहार जिले के ‘सीतलाकुची’ क्षेत्र के एक मतदान केन्द्र पर गलत अफवाहों के चलते जिस प्रकार की हिंसा हुई
आदित्य नारायण चोपड़ा: प. बंगाल में चल रहे विधानसभा चुनावों के दौरान शनिवार को इसके कूचबिहार जिले के 'सीतलाकुची' क्षेत्र के एक मतदान केन्द्र पर गलत अफवाहों के चलते जिस प्रकार की हिंसा हुई उसके लिए लोकतन्त्र में कोई स्थान नहीं है। कुछ लोगों ने इस अफवाह को जिस प्रकार साम्प्रदायिक रंग में पेश करके स्थानीय लोगों को मतदान केन्द्र पर तैनात सुरक्षा बलों के खिलाफ भड़काया वह भी निन्दनीय है मगर राज्य की मुख्यमन्त्री व तृणमूल कांग्रेस की नेता सुश्री ममता बनर्जी ने इसके लिए जिस प्रकार भाजपा के केन्द्रीय नेताओं पर आरोप लगाये वे भी कम निन्दनीय नहीं हैं क्योंकि चुनाव में बेशक विभिन्न दलों के प्रत्याशी खड़े होते हैं मगर ये चुनाव आम जनता ही करती है और एक वोट की ताकत से किसी भी दल के प्रत्याशी का राजतिलक करती है। निश्चित रूप से यह भी जांच का विषय है कि मतदान केन्द्र पर तैनात सुरक्षा एजेंसी केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों ने किन परिस्थितियों में भीड़ पर काबू रखने के लिए गोलियां चलाईं जिसमें पांच नागरिक हताहत हुए। इसकी जांच की अंतिम जिम्मेदारी चुनाव आयोग की ही है क्योंकि उसी के आदेश पर चुनाव के शान्तिपूर्ण संचालन के लिए केन्द्रीय सुरक्षा बल प. बंगाल में तैनात किये गये हैं। चुनाव आयोग ने ही प. बंगाल में आठ चरणों में मतदान कराने का फैसला किया था।