Oxygen Crisis In India: मेडिकल आक्सीजन के कारोबार का सच, राष्ट्रीय इच्छाशक्ति की आवश्यकता
Oxygen Crisis In India केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज से करीब ढाई महीने पहले यह घोषणा की थी, ‘पिछले सात दिनों में भारत के 20 प्रतिशत जिलों में कोविड के नए मामले नहीं दर्ज किए गए हैं।
एस. गुरुमूर्ति। Oxygen Crisis In India केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज से करीब ढाई महीने पहले यह घोषणा की थी, 'पिछले सात दिनों में भारत के 20 प्रतिशत जिलों में कोविड के नए मामले नहीं दर्ज किए गए हैं। ऐसा लग रहा है कि हमने कोविड के वक्र को स्थिर कर दिया है।' जिस संक्रमण के दैनिक मामले गत वर्ष 97 हजार के चरम पर पहुंच गए थे वे तब नौ हजार से भी कम के स्तर पर आ गए थे, लेकिन अप्रैल आते-आते चीजें नाटकीय रूप से बदलीं और एक अभूतपूर्व आपदा में तब्दील हो गईं। इस खराब हालत में इस संकट से निपटने के लिए बहुत बड़े राष्ट्रीय संकल्प की जरूरत थी, पर दिल्ली में आक्सीजन की कमी से हुई मौतों ने समूचे तंत्र को भावनाओं के ऐसे आगोश में ले लिया कि सभी तथ्य व तर्क अप्रासंगिक हो गए। उलटे भ्रामक तथ्यों ने सार्वजनिक विमर्श को गलत दिशा में मोड़ दिया। इस बीच मुनाफाखोरों की शिकायतें बहुत आम हो गईं।