कोरोना संक्रमण के बेलगाम होने के चलते कई राज्यों में लॉकडाउन की हुई वापसी, नहीं थमेगा उद्योगों का पहिया
दिल्ली में एक सप्ताह और राजस्थान में 15 दिन के लिए लॉकडाउन की घोषणा के साथ इलाहाबाद उच्च न्यायालय की ओर से उत्तर प्रदेश के पांच शहरों में 26 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाने के आदेश के बाद यह तय है
भूपेंद्र सिंह| दिल्ली में एक सप्ताह और राजस्थान में 15 दिन के लिए लॉकडाउन की घोषणा के साथ इलाहाबाद उच्च न्यायालय की ओर से उत्तर प्रदेश के पांच शहरों में 26 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाने के आदेश के बाद यह तय है कि कुछ और राज्य इसी दिशा में आगे बढ़ेंगे। महाराष्ट्र पहले ही लॉकडाउन लगा चुका है। यदि लॉकडाउन की वापसी हो रही है तो इसीलिए कि और कोई उपाय नहीं रह गया था। लॉकडाउन की मजबूरी यह बताती है कि रात के कर्फ्यू बेअसर थे। यह अच्छा हुआ कि इस बार केंद्र सरकार ने अपने स्तर पर देशव्यापी लॉकडाउन लगाने के बजाय राज्यों पर यह छोड़ दिया कि वे अपने यहां के हालात के हिसाब से फैसला लें। राज्यों को यह ध्यान रहे कि लॉकडाउन में न तो जरूरी सेवाएं बाधित होने पाएं और न ही औद्योगिक उत्पादन थमने पाए। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आवश्यक वस्तुओं के साथ-साथ औद्योगिक उत्पाद एवं कच्चे माल की आवाजाही का तंत्र बिना किसी बाधा के काम करता रहे। यह ठीक नहीं कि महाराष्ट्र और दिल्ली से कामगारों की वापसी होती दिख रही है। इन कामगारों में कारखाना मजदूर भी हैं। जब औद्योगिक प्रतिष्ठान बंद नहीं किए जा रहे तो फिर कारखाना मजदूर क्यों पलायन कर रहे हैं