लखीमपुर और राजनीति
लखीमपुर खीरी कांड में मृत चार किसानों और एक पत्रकार का अंतिम अरदास समारोह मौके की गरिमा के अनुकूल तो हुआ ही
लखीमपुर खीरी कांड में मृत चार किसानों और एक पत्रकार का अंतिम अरदास समारोह मौके की गरिमा के अनुकूल तो हुआ ही, इसका शांतिपूर्ण समापन स्थानीय प्रशासन के लिए भी किसी राहत से कम नहीं रहा। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कुछ राजनेताओं के पहुंचने की खबर को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं जताई जा रही थीं, लेकिन आयोजकों और नेताओं, दोनों ने अपने-अपने तईं मर्यादित आचरण ही किया। किसी भी समाज में शांति-व्यवस्था के लिए यह बहुत जरूरी होता है कि सभी अपने-अपने दायरे का सम्मान करें। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने कई परिवारों को कभी न भूलने वाला जख्म दे दिया है, पर चिंता इस बात की थी कि इसके बाद पैदा हुए जनाक्रोश व राजनीतिक सरगर्मियों से समाज को कहीं और गहरे जख्म न मिल जाएं। लेकिन कल के कार्यक्रम से यही संदेश निकला कि शांतिपूर्ण तरीकों से भी इंसाफ की मांग की जा सकती है और उसके लिए दबाव बनाया जा सकता है।
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