प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना जरूरी

1970 के बाद खेती में बड़ी मात्रा में रसायनों और कीटनाशकों के प्रयोग की शुरुआत हुई

Update: 2021-12-30 05:13 GMT
1970 के बाद खेती में बड़ी मात्रा में रसायनों और कीटनाशकों के प्रयोग की शुरुआत हुई। शुरू में इसने उत्पादन बढ़ाया, लेकिन धीरे-धीरे यह कम होने लगा। इन रसायनों और कीटनाशकों से उत्पन्न फसलें कुछ हद तक जहर बन गईं। भारत में कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों के कई रोगी हैं। प्राकृतिक खेती एक रासायनिक मुक्त उर्फ पारंपरिक कृषि पद्धति है। अब सरकार ने प्राकृतिक खेती यानी जीरो बजट खेती को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है। इस खेती में देसी गाय के गोबर और मूत्र का ही प्रयोग किया जाता है। इसके लिए सरकार देसी गाय खरीदने के लिए किसानों को सबसिडी दे रही है और किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार 133056 किसान हिमाचल प्रदेश में 7609 हेक्टेयर पर आंशिक या पूर्ण रूप से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं।
-नरेंद्र कुमार
शर्मा, भुजड़ू, मंडी
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