अज्ञान है असली समस्या

सम्पादकीय

Update: 2022-02-03 06:15 GMT
सूखा, बाढ़, अत्यधिक गर्मी और सर्दी जैसी आपदाओं की संख्या बढ़ी है। लेकिन सर्वे में शामिल दो तिहाई लोगों ने यही कहा कि यह सब ईश्वर की कृपा है। यानी लोगों में जागरूकता की कमी है। जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए जरूरी उपायों की जानकारी ना के बराबर है। ये अज्ञान ही असली समस्या है।
जलवायु परिवर्तन की मार ऐसी है कि उससे पीड़ित लोगों को इस बात का भान भी नहीं होता कि आखिर उनकी जिंदगी में वैसी तबाही क्यों आई। मौसम इनसानी गतिविधियों के कारण बदल रहा है, करोड़ों लोग इस सच्चाई से परिचित नहीं हैं। एक ताजा एक अध्ययन रिपोर्ट गौरतलब है, जिसके मुताबिक ग्लोबल वॉर्मिंग का दक्षिण एशिया की गरीब महिलाओं की आय पर सीधा असर हो रहा है। तापमान और बारिश बढ़ने के कारण घर से काम करने वाली इन महिलाओं की आय में कमी देखी गई है, क्योंकि उनके काम के घंटे कम हो रहे हैं। घर से काम करने वाली महिलाओं के संगठन- होमनेट साउथ एशिया ने भारत, नेपाल और बांग्लादेश की 202 महिलाओं का सर्वे करने के बाद ये विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट बताती है कि ये महिलाएं अब कम काम कर पा रही हैं, जिस कारण उनकी कमाई भी कम हो गई है।
दक्षिण एशिया में जितनी कामगार महिलाएं हैं, उनका करीब एक चौथाई हिस्सा घर से काम करने वाली महिलाओं का है। पुरुषों के मुकाबले यह संख्या कहीं ज्यादा है। सिर्फ 6 प्रतिशत पुरुष ही घर से काम करते हैं। घर से काम करने वाली महिलाओं का यह समूह सबसे कम आय वाले समूहों में से एक है। तो ताजा रिपोर्ट बताती है कि तापमान बढ़ने का असर महिलाओं की उत्पादकता पर हुआ है। अधिक गर्मी के कारण ये महिलाएं घर में ज्यादा देर काम नहीं कर पा रही हैं। रिपोर्ट कहती है कि ये महिलाएं अक्सर खाना या कपड़े आदि बनाने का काम करती हैं और इनकी उत्पादकता में 30 प्रतिशत तक की कमी देखी गई है। घर से काम करने वाली महिलाओं में बड़ा हिस्सा शहरी झुग्गी-बस्तियों में रहने वालों का है। आय घटने का उन महिलाओं के जीवन स्तर पर कई तरह का बुरा असर हुआ है। गौरतलब है कि पिछले एक दशक में दक्षिण एशिया में मौसम में बड़े परिवर्तन देखने को मिले हैं। एकाएक मौसम का बदल जाना आम हो गया। सूखा, बाढ़, अत्याधिक गर्मी और सर्दी जैसी आपदाओं की संख्या बढ़ी है। लेकिन सर्वे में शामिल दो तिहाई लोगों ने यही कहा कि यह सब ईश्वर की कृपा है। यानी लोगों में जागरूकता की कमी है। जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए जरूरी उपायों की जानकारी ना के बराबर है। कहा जा सकता है कि ये अज्ञान ही असली समस्या है।
नया इण्डिया 
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