इतिहास आ धरता है!
कहा जाता है कि किसी व्यक्ति या समाज का इतिहास उसका पीछा नहीं छोड़ता।
NI एडिटोरियल: कहा जाता है कि किसी व्यक्ति या समाज का इतिहास उसका पीछा नहीं छोड़ता। आज आप भले अपने किए के परिणाम से बच जाएं, लेकिन एक दिन इतिहास के नाम के साथ न्याय कर देता है। ऐसा ही अब फ्रांस के मामले में हो रहा है। फ्रांस ने अब 1994 में हुए रवांडा के जनसंहार से जुड़े ऐतिहासिक दस्तावेजों को सामने लाने का फैसला किया है। इससे उम्मीद है कि इस जनसंहार में फ्रांस की भूमिका दुनिया के सामने आ जाएगी। गौरतलब है कि इस जनसंहार में करीब आठ लाख लोगों को मारा गया था। 27 साल पहले अप्रैल महीने में रुवांडा का जनसंहार शुरू हुआ था। इस दौरान बड़ी संख्या में औरतों का बलात्कार हुआ। उस कारण पैदा हुए बच्चे आज भी उस पीड़ा और पहचान के संकट से जूझ रहे हैं। साथ ही उस घटना का साया आज भी फ्रांस और अफ्रीकी देश के रिश्तों पर है। अब देखना है कि सच सामने आने से उससे बाहर निकलने में दोनों पक्षों को कितनी मदद मिलती है।