यहां बॉस ऑफिस आवर के बाद नहीं कर सकते कर्मचारियों को फोन, मैसेज
पुर्तगाल की सत्तारूढ़ सोशलिस्ट पार्टी ने एक नया लेबर कानून पास किया है
मनीषा पांडेय पुर्तगाल की सत्तारूढ़ सोशलिस्ट पार्टी ने एक नया लेबर कानून पास किया है. इस कानून के मुताबिक अब किसी भी कंपनी का बॉस अपने मातहत कर्मचारियों और जूनियर वर्कर्स को ऑफिस का टाइम खत्म होने के बाद काम के संबंध में न ही कोई फोन कर सकता है और न ही मैसेज कर सकता है. हालांकि इस कानून में कुछ आपातकालीन परिस्थितियों में इस बात की छूट दी गई है. हर वो कंपनी, जहां दस से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं, वहां यह नियम लागू होगा. साथ ही इस कानून में यह भी प्रावधान है कि कोई बॉस ऑफिस से बाहर या घर से काम कर रहे कर्मचारियों को मॉनीटर नहीं कर सकता.
पिछले दो सालों से पैनडेमिक के दौरान दफ्तर बंद होने के कारण पूरी दुनिया में वर्क फ्रॉम होम का चलन बढ़ गया. ऑनलाइन ऑफिस मीटिंग, जूम कॉल्स, गूगल मीट वगैरह कम्युनिकेशन का प्रमुख माध्यम हो गए. वर्क फ्रॉम होम को लेकर लोगों को जो सबसे बड़ी शिकायत थी (और यह शिकायत सिर्फ पुर्तगाल ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में थी) कि घर से काम करने के कारण काम के घंटे पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा बढ़ गए थे. पहले तो एक बार ऑफिस का टाइम खत्म होने के बाद व्यक्ति घर चला जाता था. वहां ऑफिस और घर की बाउंड्री बहुत स्पष्ट थी. लेकिन वर्क फ्रॉम होम ने उस बाउंड्री को खत्म कर दिया. काम के घंटे बढ़ गए. लोगों में काम को लेकर तनाव और स्ट्रेस काफी बढ़ने लगा.
पूरे देश में नागरिकों में काम को लेकर बढ़ते तनाव, अवसाद और डिप्रेशन को देखते हुए पुर्तगाल की समाजवादी सरकार ने यह कदम उठाया और नया कानून बना दिया. लेकिन सच तो ये है कि पुर्तगाल दुनिया का पहला ऐसा देश नहीं है, जिसने यह नियम बनाया है.
कानून की भाषा में एक टर्म है, जिसे कहते हैं- राइट टू डिसकनेक्ट. दुनिया के कई देशों में यह कानून लागू है, जिनमें से अधिकांश देश यूरोप के हैं. साथ ही दुनिया की कई बड़ी कंपनियों में स्वतंत्र रूप से भी यह नियम है कि किसी भी कर्मचारी को उनका बॉस वीकली ऑफ के दिन और काम के घंटे खत्म होने के बाद काम के सिलसिले में कोई फोन नहीं कर सकता.
फ्रांस
राइट टू डिसकनेक्ट का पहला पिटीशन यूरोप में फ्रांस में दाखिल किया गया था. 2 अक्तूबर, 2001 को फ्रेंच सुप्रीम कोर्ट के लेबर चैंबर्स ने एक केस में फैसला सुनाते हुए कहा कोई कर्मचारी ऑफिस का टाइम खत्म होने के बाद घर से काम करने या काम से जुड़ी चीजों को घर लेकर जाने के लिए बाध्य नहीं है. कोर्ट ने कहा कि यह तथ्य कि ऑफिस का वक्त खत्म होने के बाद कर्मचारी के मोबाइल फोन पर संपर्क नहीं हो पा रहा था, यह कोई मिसकंडक्ट नहीं है. मुकदमा दायर करने वाली कंपनी को ही यहां मुंह की खानी पड़ी.
उसके बाद फ्रांस की सरकार ने फ्रेंच नागरिकों के लिए काम की बेहतर स्थितियां मुहैया कराने के लिए एक नया कानून पास किया. तकरीबन हर फ्रेंच कंपनी इस कानून के जरिए बाध्य है. इस कानून के मुताबिक कोई बॉस अपने मातहत काम करने वाले कर्मचारियों को ऑफिस का वक्त खत्म होने के बाद काम के सिलसिले में फोन, मैसेज या ईमेल के जरिए संपर्क नहीं कर सकता है.
जर्मनी
जर्मनी में अलग से ऐसा कोई कानून तो नहीं है, लेकिन सभी बड़ी जर्मन कंपनियों के अपने रूल्स एंड रेगुलेशंस में ये बात शामिल है कि कंपनी के कर्मचारियों को ऑफिस के घंटे खत्म होने के बाद और वीकेंड में संपर्क नहीं किया जा सकता. ऐसा करना कानूनन अपराध है और अगर कोई इसके खिलाफ कोर्ट में शिकायत करे तो बॉस को जेल भी हो सकती है.
जर्मनी कंपनी फॉक्सवेगन ने 2011 में यह नियम बनाया कि शाम के 6 बजे से लेकर सुबह 7 बजे तक कंपनी का सर्वर डाउन रहेगा और कोई किसी को ऑफिस के काम के संबंध में कोई ई-मेल नहीं भेज सकता.
2014 में जर्मनी के इंप्लॉयमेंट मिनिस्टर आंद्रिया नाहलेस ने एक एंटी स्ट्रेस लेजिस्लेशन का प्रस्ताव रखा. इसकी मुख्य वजह ये थी कि देश के लोगों में काम को लेकर तनाव और डिप्रेशन काफी बढ़ रहा था. इस लेजिस्लेशन का मकसद काम के घंटे खत्म होने के बाद कर्मचारियों से किसी भी जरिए से संपर्क को पूरी तरह प्रतिबंधित करना था.
इटली
इटली में राइट टू डिसकनेक्ट का आइडिया अभी नया है. हाल ही में पास हुए सीनेट एक्ट कर्मचारियों के हितों को कुछ हद तक सुरक्षित रखने और उनके काम की सुरक्षा, अवधि और जगह के अधिकार को तय करने के अधिकार की बात कही गई है, लेकिन यह कानून इटली में ठीक उस रूप में लागू नहीं है, जैसे पुर्तगाल, फ्रांस और जर्मनी में है.
स्लोवाकिया
स्लोवाकिया में इसी साल 19 फरवरी, 2021 को नया कानून पास हुआ है, जिसके मुताबिक अब घर से काम कर रहा कोई भी कर्मचारी काम के घंटे खत्म होने के बाद काम करने, बॉस का फोन उठाने या ऑफिस के काम से जुड़े ईमेल का जवाब देने के लिए बाध्य नहीं है. इस कानून में कर्मचारियों को यह अधिकार दिया गया है कि वे अपने 'राइट टू डिसकनेक्ट' का पालन कर सकते हैं.
फिलीपींस
2017 में फिलीपींस की सत्रहवीं कांग्रेस में पास हुआ बिल भी कर्मचारियों के 'राइट टू डिसकनेक्ट' के अधिकार की सुरक्षा के लिए है. इस कानून के मुताबिक कोई बॉस काम के घंटों के बाद कर्मचारी से संपर्क नहीं कर सकता और न ही कर्मचारी काम से संबंधित किसी भी मैसेज का जवाब देने के लिए बाध्य है.