गुरुग्राम: खुले में नमाज के नाम पर साइबर सिटी का माहौल कौन खराब कर रहा ?

गुरुग्राम में पिछले कई सालों से ऐसी गतिविधियां सुनने को मिल रही हैं जिनसे लगता है शहर के शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने की कोशिश हो रही है.

Update: 2021-10-12 09:44 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गुरुगांव के सेक्टर 47 इलाके में खाली जगह पर नमाज पढ़ने का मामला गहराता जा रहा है. स्थानीय लोगों के विरोध के साथ-साथ अब विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और करणी सेना सहित अनेक धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों ने भी इसका विरोध करना शुरू कर दिया है. बीते शुक्रवार को भी खुले में नमाज पढ़ने को लेकर जब लोगों ने आपत्ति जताई तो गुड़गांव पुलिस की देखरेख में नमाज के लिए चिन्हित स्थल से डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर नमाज अदा किया गया. दरअसल शुक्रवार को दोपहर के 1 बजे सेक्टर 47 के 30 से 35 निवासी, 'खुली जगहों में नमाज बंद करो' और 'मस्जिदों में नमाज पढ़ो' और 'भारत माता की जय' के नारे लगाते हुए सेक्टर 47 के विजिलेंस ब्यूरो ऑफिस के सामने वाले मैदान में इकट्ठा होने लगे.

इन तमाम लोगों ने वहीं बैठ कर भजन कीर्तन शुरू कर दिया. हालांकि प्रदर्शनकारी नमाज वाली जगह पर जाकर भजन कीर्तन करना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उन्हें वहां जाने से रोक दिया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मुसलमानों को अपने घरों, मस्जिदों या वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर नमाज अदा करनी चाहिए. सड़कों को अवरुद्ध करना सही नहीं है.
पहले 20 अब 200 लोग पढ़ रहे हैं नमाज
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के मुताबिक, सेक्टर 47 के निवासियों को अपनी सुरक्षा से संबंधित चिंताएं हैं. निवासियों का कहना है कि पहले सिर्फ इस जगह पर 20 लोग ही नमाज अदा करते थे. लेकिन अब देखते देखते इनकी संख्या 200 तक पहुंच गई है. उनका कहना है कि वह नहीं जानते कि यह बाहरी लोग कौन हैं. इसके साथ ही अब धीरे-धीरे इस इलाके में छोटे-मोटे अपराध भी बढ़ रहे हैं और इन 200 लोगों की वजह से इलाके में भीड़-भाड़ भी बहुत ज्यादा बढ़ रही. सेक्टर 47 के निवासियों का कहना है कि जब तक उनके इस मुसीबत का हल नहीं निकाला जाता तब तक वह शांतिपूर्ण तरीके से विरोध दर्ज कराते रहेंगे.
क्या यह भूमि जिहाद है?
सेक्टर 47 के निवासियों का मानना है कि यह सब कुछ एक अंतरराष्ट्रीय साजिश के तहत किया जा रहा है. यहां मौजूद 200 लोग जो नमाज अदा करते हैं वह लव जिहाद और भूमि जिहाद की साजिश के तहत यहां नमाज अदा कर रहे हैं. उनका मानना है कि अगर वह आवाज नहीं उठाएंगे तो कल को यह लोग यहां मस्जिद बना देंगे. हालांकि यहां खुले में नमाज पढ़ने को लेकर यह मामला आज से नहीं बल्कि 2018 से चला आ रहा है. उस वक्त दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों को एक साथ बैठा कर प्रशासन ने बातचीत से इस मुद्दे का हल निकाला था और सेक्टर 47 की साइट 37 को नमाज के लिए चिन्हित किया था. हालांकि नमाज के विरोध में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों का मानना है कि यह अनुमति स्थाई नहीं थी. बल्कि केवल 1 दिन के लिए यह अनुमति दी गई थी.
मजबूरी में पढ़ते हैं खुले में नमाज?
दरअसल मुस्लिम समुदाय का सेक्टर 47 में खुले में नमाज पढ़ने को लेकर जो तर्क है वह यह है कि उनके पास नमाज अदा करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है. उनका कहना है कि शहर में लगभग 5 लाख से अधिक मुसलमान हैं और मस्जिदों की संख्या केवल 13 है. ऐसे में उन्हें मजबूरी में खुले में अल्लाह की इबादत करनी पड़ती है. इस समुदाय का कहना है कि हम केवल 15 मिनट ही यहां नमाज अदा करते हैं इसलिए हम यहां के नागरिकों से अपील करते हैं कि वह उन्हें शांति से यहां नमाज अदा करने दें.
जबकि प्रदर्शन कर रहे निवासियों का कहना है कि अगर कोई जगह नमाज अदा करने के लिए निर्धारित की गई है तो सबसे पहले वहां के आसपास के क्षेत्र के निवासियों से इसकी परामर्श ली जानी चाहिए थी. लेकिन यह जगह नमाज के लिए देने से पहले उनसे एक बार भी सलाह मशविरा नहीं किया गया और जहां तक रही बात 2018 की तो उस समय भी केवल 1 दिन के लिए अनुमति दी गई थी और उसके बारे में भी लिखित में कुछ भी नहीं है.
पूर्व राज्यसभा सांसद ने भी जताई आपत्ति
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के मुताबिक पूर्व राज्यसभा सांसद मोहम्मद अदीब ने इस मामले पर नाराजगी जताई है और कहा कि मुझे यह देखकर दुख हो रहा है. यह किस-किस का मुल्क बन गया है. यह कैसा देश बन गया है. जहां लोगों को इबादत करने की इजाजत नहीं दी जा रही है. जो कि उनका संवैधानिक अधिकार है. जो लोग इबादत करने का विरोध कर रहे हैं उन्हें अपने इस तरह के व्यवहार पर शर्म आनी चाहिए. दूसरी ओर बीजेपी नेता अरुण यादव का कहना है कि प्रशासन को नमाज के लिए दूसरी जगह आवंटित करना चाहिए. नमाज के लिए यहां इकट्ठा होने वाले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. सेक्टर 47 के आसपास के लोगों में सुरक्षा को लेकर आशंकित हो गए हैं. कुछ दिन पहले इस एरिया में कुछ अत्याधुनिक हथियार पकड़े जाने की भी खबर है. यादव का कहना है कि नमाज के लिए वक्फ बोर्ड की तमाम जमीन शहर में पड़ी हुई हैं उसका इस्तेमाल इस पाक काम के लिए क्यों नहीं हो रहा है? इस मसले पर राज्य के वक्फ बोर्ड के चेयरमैन पूर्व विधायक जाकिर हुसैन से बात करने की टीवी 9 भारतवर्ष डिजिटल ने बात करने की कोशिश की पर सफलता नहीं मिली. उन्हें ह्वाट्ऐप भी किया पर कोई जवाब नहीं मिल सका.
गुरुग्राम में सांप्रादायिक माहौल खराब करने की कोशिश
गुरुग्राम में पिछले कई सालों से ऐसी गतिविधियां सुनने को मिल रही हैं जिनसे लगता है शहर के शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने की कोशिश हो रही है. 2018 से ही खुले में नमाज पढ़ने को लेकर यहां पर कई बात माहौल को खराब करने की कोशिश होती रही है. इसके अलावा गौ रक्षकों और गौ तस्करों के बीच होने वाली भिड़ंत हो या हिंदुओं के त्योहारों के दौरान जबरन मीट विक्रेताओं की दुकाने बंद कराने का मामला रहा हो शहर की आबोहवा बिगड़ते-बिगड़ते बची है. पूरी दुनिया में सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री को लेकर अपनी पहचान बना चुके शहर में अगर ऐसी घटनाएं होती हैं तो यह पूरे देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण हो सकता है.


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