बढ़ता कृषि निर्यात

सम्पादकीय न्यूज

Update: 2022-07-19 16:34 GMT
वर्तमान वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) में देश के कृषि एवं खाद्य पदार्थों के निर्यात में 14 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. पिछले वर्ष इसी अवधि में 5.25 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का निर्यात हुआ था. इस वर्ष वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों में यह आंकड़ा 5.98 अरब डॉलर पहुंच गया. वैश्विक अर्थव्यवस्था में हलचलों तथा भू-राजनीतिक परिस्थितियों के कारण खाद्य सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं को देखते हुए यह बढ़ोतरी निश्चित ही संतोषजनक है.
उल्लेखनीय है कि कुछ माह पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आश्वस्त किया था कि भारत खाद्य आपूर्ति में यथासंभव सहयोग करेगा. हालांकि कम उत्पादन और मानसून संबंधी आशंकाओं के कारण गेहूं के निर्यात पर अस्थायी तौर पर पाबंदी है, फिर भी 13 मई के इस निर्णय के बाद भी भारत ने 18 लाख टन गेहूं कुछ देशों को भेजा है, जो खाद्य पदार्थों की गंभीर कमी का सामना कर रहे हैं.
कृषि उत्पादों के निर्यात में वृद्धि इस संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है कि जून में निर्मित वस्तुओं के निर्यात में भी 16.78 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. आयात में अपेक्षाकृत अधिक बढ़त से भले ही व्यापार घाटा बढ़ा है, पर निर्यात बढ़ने से यह स्पष्ट रूप से इंगित होता है कि भारतीय उत्पादों में अन्य देशों के लोगों और कारोबारियों का भरोसा बढ़ता जा रहा है. बीते वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने 418 अरब डॉलर मूल्य का रिकॉर्ड निर्यात किया था.
हाल ही में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने आशा जतायी है कि इस वर्ष भी निर्यात उच्च स्तर पर रहेगा. सरकार की ओर से अभी कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है, पर जानकारों का अनुमान है कि पिछले साल से निर्यात अधिक ही रहेगा. इसमें कृषि उत्पादों की बड़ी हिस्सेदारी होगी. कुछ समय पहले किसानों को अधिक उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने तथा उनकी आय बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाया गया है.
केंद्र सरकार कृषि निर्यात बढ़ाने के लिए राज्य सरकारों और जिला प्रशासन के माध्यम से किसानों और मंडियों से संपर्क में है तथा उन्हें संबंधित पहलुओं के बारे में निरंतर जानकारी दी जा रही है. अनाज के अधिक निर्यात के साथ यह भी उत्साहजनक है कि फलों और सब्जियों के निर्यात में 8.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. देशभर में उपज के समुचित भंडारण की व्यवस्था की जा रही है.
इससे फलों व सब्जियों को सड़ने-गलने से बचाया जा रहा है. कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ निर्यात बढ़ेगा भी और उसमें विविधता भी आयेगी. सरकार ने गुणवत्ता निर्धारण के लिए 220 प्रयोगशालाओं को भी मान्यता दी है. वर्ष 2021-22 में कृषि निर्यात 19.92 प्रतिशत बढ़कर 50.21 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचा था, जबकि तब महामारी के कारण वस्तुओं की आवाजाही मुश्किल थी. आपूर्ति शृंखला की बाधाओं के दूर होने के साथ निर्यात में आसानी की उम्मीद है.


प्रभात खबर के सौजन्य से सम्पादकीय 
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