ईरान डील पर निगाहें

संकेत हैं वियना में चल रही वार्ता में समझौते की राह में मौजूद आखिरी रुकावटें अब दूर हो सकती हैं

Update: 2022-03-10 05:56 GMT
By NI Editorial
संकेत हैं वियना में चल रही वार्ता में समझौते की राह में मौजूद आखिरी रुकावटें अब दूर हो सकती हैं। हालांकि इसको लेकर पश्चिमी सूत्र जितने आशावान है, वैसा ईरान में नहीं दिखता। ईरान ने कहा है कि सकारात्मक संदेशों के बावजूद तब तक कोई कुछ नहीं कह सकता, जब तक बचे मुद्दे भी हल नहीं हो जाते।  
खबर है कि ईरान परमाणु डील के पुनर्जीवित होने की संभावना बढ़ गई है। अनुमान है कि अगले कुछ दिनों के अंदर इस समझौते पर दस्तखत हो सकते हैँ। संकेत हैं वियना में चल रही वार्ता में समझौते की राह में मौजूद आखिरी रुकावटें अब दूर हो सकती हैं। हालांकि इसको लेकर पश्चिमी सूत्र जितने आशावान है, वैसा ईरान में नहीं दिखता। ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि तमाम सकारात्मक संदेशों के बावजूद तब तक कोई कुछ नहीं कह सकता, जब तक बचे मुद्दे भी हल नहीं हो जाते। अभी सबसे बड़ी रुकावट अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की प्रस्तावित जांच का मुद्दा है। ईरान इस जांच की योजना छोड़ने की मांग कर रहा है। लेकिन पश्चिमी देश इसके लिए राजी नहीं हैं। समझौते की राह में एक और रुकावट ईरान की यह मांग भी है कि उसके इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स को अमेरिका आतंकवाद की अपनी लिस्ट से हटाए। फिलहाल अमेरिका इसके लिए तैयार नहीं है। यानी अभी भी कुछ मुद्दे ऐसे हैं, जिनको लेकर बात बिगड़ सकती है। ईरान और छह अन्य देशों के बीच परमाणु समझौता 2015 में हुआ था। उसका मकसद ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकना था। दूसरी तरफ से जिन देशों ने समझौते पर दस्तखत किए, उनमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देश और जर्मनी थे।
अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, और चीन सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य हैँ। 2017 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अपने देश को इस समझौते से अलग कर लिया और ईरान पर नए प्रतिबंध लगा दिए। आरोप है कि उसके बाद से ईरान ने भी समझौते का उल्लंघन शुरू कर यूरेनियम का संवर्धन कर शुरू कर दिया। जो बाइडेन के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए पिछले साल फिर से बातचीत शुरू हुई थी। लेकिन बीते 11 महीनों में इसमें आशा और निराशा के माहौल बनते रहे। अब ऐसा लगता है कि ज्यादातर पेचीदा मुद्दों पर सहमति बन गई है। अगर बाकी रुकावटें भी दूर हो गईं, तो दुनिया के लिए यह अच्छी खबर होगी। इस समय जबकि लगातार तनाव बढ़ रहा है, उसके बीच एक पुराना तनाव घटाने का रास्ता निकला, तो दुनिया भर के शांति प्रेमी लोग उससे राहत महसूस करेंगे। इसीलिए वियना वार्ता पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैँ।
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