पात्र-अपात्र
सरकार ने किसानों के आर्थिक सुदृढ़ीकरण के लिए वर्ष 2018 में पीएम किसान सम्मान निधि योजना लागू की थी। उत्तर प्रदेश में इस योजना में बड़ी अनियमितताएं पाई गई हैं।
Written by जनसत्ता: सरकार ने किसानों के आर्थिक सुदृढ़ीकरण के लिए वर्ष 2018 में पीएम किसान सम्मान निधि योजना लागू की थी। उत्तर प्रदेश में इस योजना में बड़ी अनियमितताएं पाई गई हैं। देखने में आया कि बड़ी संख्या में मृत किसानों को भी पैसा वितरित किया गया है। इसी तरह आयकर देने वाले किसानों को भी इसका लाभ मिला है, जो कि अपात्र हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा की गई जांच पड़ताल में तीन लाख पंद्रह हजार ऐसे अपात्र किसान हैं, जिनसे राशि वसूली जाएगी। करीब छह लाख से भी अधिक किसानों के आधार संख्या और नाम मिलान न होने के कारण सम्मान निधि पर रोक लगा दी गई है। बड़े पैमाने पर हुई अनियमितताओं के कारण किसान सम्मान निधि योजना के प्रबंधन पर भी एक प्रश्न चिह्न लग गया है।
उत्तर प्रदेश के अलावा पूरे देश में यह योजना लागू है। आने वाले दिनों में सभी राज्यों में इस तरह के आधार कार्ड जुड़े होने पर सत्यापन की प्रक्रिया के तहत बड़ी संख्या में ऐसे अपात्र किसानों की जानकारी मिल सकती है। यह घटना सरकारी अधिकारियों और अपात्र लाभार्थियों की मिलीभगत का परिणाम भी हो सकती है। ऐसी गड़बड़ियों से किसानों और किसान संगठनों की साख पर प्रतिकूल असर पड़ता है। सरकारी सुविधाओं पर मजबूत निगरानी तंत्र जरूरी है, ताकि अपात्र लाभार्थी लाभ न ले पाएं।
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देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के चिंतन शिविर से पार्टी कार्यकर्ता मूलभूत परिवर्तन की उम्मीद लगाए हुए थे, लेकिन बड़े-बड़े दावों के बावजूद मूलभूत समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। राहुल गांधी के संबोधन से यह स्पष्ट हो गया कि निकट भविष्य में कांग्रेस में कोई बदलाव की उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि नेहरू-गांधी परिवार ही वास्तव में कांग्रेस पार्टी है। उन्होंने स्वीकार किया कि पार्टी से आम जनता दूर हो चुकी है, इसलिए उन्हें जोड़ने के लिए देशभर में पदयात्रा करने का निर्णय लिया गया है। पार्टी को आम जनता से दूर होने की वजह को दूर करने का प्रयास करना चाहिए, लेकिन ऐसा होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है।
चिंतन शिविर में निर्णय लिया गया कि कोई भी व्यक्ति पांच साल से अधिक समय तक एक पद पर आसीन नहीं रहेगा, जबकि सोनिया गांधी और उनके पुत्र वर्ष 1998 से अब तक अध्यक्ष पद पर काबिज हैं। लोकतंत्र की मजबूती के लिए कांग्रेस पार्टी का मजबूत होना अनिवार्य है, लेकिन राहुल गांधी अपना पूरा ध्यान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने में लगाए रहते हैं। दूसरे की आलोचना के बजाय पार्टी को अपनी कमजोरियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए।
दिल्ली में सिलसिलेवार आग की घटनाओं ने प्रशासन की पोल खोल दी है। हैरानी है कि बड़ी-बड़ी इमारतों में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं होता और ऐसी घटनाओं में लोगों की जान चली जाती है! इसका हल केवल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने, मुआवजा बांटने से नहीं हो सकता! इसके लिए व्यावहारिक उपाय आजमाने जरूरी हैं।