Editorial: हमारी सोच वो नींव है, जिसके आधार पर जीवन में हम सफल या असफल होते हैं। आपकी सोच ही आपके यथार्थ को आकार देती है, निर्णयों को प्रभावित करती है और आपके कर्म निर्धारित करती है, जो परिणाम के रूप में आपके सामने आते हैं। ज्यादातर लोग इसलिए असफल नहीं होते हैं क्योंकि उनके भीतर योग्यता, ज्ञान या अवसरों की कमी होती है। वे इसलिए असफल होते हैं, क्योंकि उन्हें अपनी सोच की ताकत के बारे में पता ही नहीं होता है।
आइए जानते हैं कि सही सोच कैसे आपकी सफलता में बाधा बननेवाले कारणों को दूर कर सकती है-
स्वयं पर संदेह है बाधक
'आपका दिमाग बहुत शक्तिशाली है। इसलिए जब आप सकारात्मक तरीके से सोचने लगते हैं, तो जीवन में परिवर्तन आने लगता है।' अज्ञात
अधिकांश लोग यह समझ ही नहीं पाते कि अपने जीवन की सबसे बड़ी बाधा वह स्वयं हैं। खुद पर संदेह करना आपके दिमाग में गूंजती वो आवाज है, जो आपको यकीन दिलाती है कि आप अच्छे नहीं हैं, आपके अंदर योग्यता की कमी है और आप सफलता के योग्य पात्र नहीं हैं। असल में हारने का डर, अस्वीकृत कर दिए जाने का भय या कोई भी अनजाना डर संकीर्ण और दबी हुई मानसिकता का ही परिणाम है, जो सफलता में बाधक बनता है।
लेकिन इससे बचा जा सकता है। एक कागज पर अपने उन विचारों को लिखिए, जो आपकी उन्नति में बाधक हैं। फिर उन्हें चुनौती दीजिए। गौर कीजिए कि आप उन विचारों को कैसे बदल सकते हैं?
प्रगतिशील सोच का महत्व
उन्नत सोच आपको चुनौतियों से लड़ने का हौसला और हार को सीखने के नए अवसर के रूप में देखने में मदद करती है। खुली सोच रखनेवाले लोग जानते हैं कि वह अपनी मेहनत के बल पर तरक्की के नए रास्ते बना ही लेंगे। निम्न सूत्रों की मदद से अपनी सोच को उन्नत बनाया जा सकता है।
चुनौतियों से बचने की बजाय उन्हें स्वीकारिए ।
■ असफल होने पर हार मान लेने की बजाय दोबारा प्रयास करें।
■ अपने प्रयासों को अपनी कमजोरी समझने की बजाय दक्षता हासिल करने का मार्ग समझें।
■ आलोचना की अनदेखी करने की बजाय उससे सबक लें।
प्रगतिशील सोच के साथ बाधाएं और असफलता भी सफलता का मंत्र बन जाते हैं। क्योंकि तब आप उन्हें बाधा समझने की बजाय सीखने के नए अवसरों के रूप में स्वीकारने लगते हैं।
सोच बदलना है जरूरी
जकड़ी हुई सोच को प्रगतिशील विचारधारा में बदलना जरूरी तो है, लेकिन यह सरल नहीं है। निम्न बातें ऐसा करने में सहायक हो सकती हैं।
छोटी शुरुआत सबसे पहले किसी एक संकीर्ण विचार को बदल कर उन्नत विचार बनाने के प्रयास करें। हार से सबक: अपनी असफलता को अंतिम परिणाम समझने की बजाय उसे सीखने के एक नए अवसर के रूप में देखें। कृतज्ञता का भाव अपने जीवन की उन बातों पर ध्यान दें, जिनके लिए आप कृतज्ञ महसूस करते हैं। इससे आपके अंदर सकारात्मकता बढ़ेगी। अच्छी सोचवालों का साथ जिन लोगों के साथ आप समय बिताते हैं, वह आपकी सोच पर भी बहुत प्रभाव डालते हैं। इसलिए खुली सोचवाले लोगों के सानिध्य में रहें, जो आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकें। सफलता भी मिलेगी जीवन में सफलता और आपके बीच सिर्फ आपकी सोच ही खड़ी होती है। इसलिए, अपनी सोच को बेहतर बनाकर आप हर बाधा को पार कर सकते हैं और अपनी मर्जी से अपने भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। याद रखिए, आपकी पहचान आपके अतीत की गलतियों या वर्तमान की सीमाएं नहीं हैं बल्कि उनसे आप क्या सीखते हैं, इस बात से आपकी पहचान बनती है।
प्रयासों से मिलेगी मंजिल
सोच में बदलाव रातोरात तो संभव नहीं है लेकिन छोटे- छोटे कदमों से मंजिल तक जरूर पहुंचा जा सकता है। अपने विकास में बाधक विचारों को बदलने का प्रयास कीजिए, ताकि संभावनाओं के मार्ग पर चला जा सके। इसलिए स्वयं से निम्न प्रश्न पूछें- कौन से विचार मेरे आगे बढ़ने में बाधक बन रहे हैं?
■ अपनी असफलता को मैं सीखने के नए अवसर के
रूप में कैसे बदल सकता हूं?
मेरी कौन-सी आदतें विकसित सोच बनाने में मदद कर सकती हैं?
इन सवालों के उत्तर जान लेने के बाद आपके लिए अपनी योग्यता को समझना आसान लगने लगेगा।
विजय गर्ग सेवानिवृत्त प्रिंसिपल शैक्षिक स्तंभकार स्ट्रीट कौर चंद एमएचआर मलोट पंजाब