कोरोनाकाल में गरीब लोग सड़कों पर खाने को मांगते रहे, दिल्ली के स्कूलों में सड़ गया उनके हक का अनाज
कोरोनाकाल में गरीब लोग
वीके शुक्ला। गोदाम या स्कूलों में गरीबों के हक का अनाज सड़ जाना बेहद गंभीर मामला है। इससे दुखद बात और क्या होगी कि संक्रमण काल में जरूरतमंद लोग अनाज की आस लगाए रह गए लेकिन अनाज उपलब्ध होने के बावजूद उन्हें नहीं मिल पाया और सड़ गया। बीता वर्ष दिल्ली के लोगों या कहें कि देश के लोगों के लिए बहुत कष्टकारी रहा है। लाखों लोगों के रोजगार छिन गए। काम-धंधे बंद हो गए। आमदनी का कोई जरिया नहीं रहा ऐसे में लोगों का धैर्य जवाब देने लगा तो हजारों लोग घर वापसी के लिए एकाएक बस अड्डे और रेलवे स्टेशनों पर पहुंचने लगे। उस समय हर एक गरीब के सामने सबसे ज्यादा भोजन का संकट था।ऐसे में केंद्र सरकार ने उन्हें समझाया कि वे जहां हैं, वहीं रहें, सरकार उनके खाने-पीने की व्यवस्था करेगी। जो घर जाना चाहते थे उन्हें घर भी भिजवाया गया। दिल्ली सरकार ने भी ऐसे समय में सराहनीय कार्य किए। लोगों को स्कूलों में ठहराया गया, उन्हें भोजन दिया गया। उनकी जरूरतों का ध्यान भी रखा गया। जो लोग अपने घरों में रह रहे थे उन्हें राशन किट दी गई। हां, कुछ लोग जरूर शिकायत करते रहे कि उन्हें सरकार की ओर से राशन नहीं मिल पाया। अब यह अलग मुद्दा हो सकता है कि किस कारण कई लोगों को राशन नहीं मिल पाया।