डेल्टा प्लस : पुख्ता तैयारियों की जरूरत
कोरोना वायरस का नया वैरिएंट डेल्टा प्लस दुनिया भर के डाक्टरों और वैज्ञानिकों को चिंतित किए हुए हैं। वैसे तो यह कई देशों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुका है।
आदित्य चोपड़ा| कोरोना वायरस का नया वैरिएंट डेल्टा प्लस दुनिया भर के डाक्टरों और वैज्ञानिकों को चिंतित किए हुए हैं। वैसे तो यह कई देशों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुका है। ब्रिटेन तो इसकी गिरफ्त में आ चुका है। आंकड़ों के मुुताबिक वहां एकत्र किए जा रहे सैम्पल्स में 61 फीसदी मामले डेल्टा के ही आ रहे हैं। इसका अर्थ यही है कि पिछले साल कहर मचा देने वाला अल्फा वैरिएंट अब डेल्टा प्लस के रूप में आ चुका है, जो काफी खतरनाक है। यह वैरिएंट अल्फा वैरिएंट की तुलना में 35 से 60 फीसदी ज्यादा संक्रामक है। इस पर वैक्सीन के असर को लेकर भी विशेषज्ञों में मतभेद है। कुछ का मानना है कि वैक्सीन कारगर है जबकि कुछ अन्य का कहना है कि वैक्सीन कारगर नहीं है। भारत में डेल्टा प्लस से पहली मौत उज्जैन में हुई जबकि महाराष्ट्र के रत्नागिरी और जलगांव, केरल के पलकूड और पठानमथिट्टा, मध्य प्रदेश के भोपाल और शिवपुरी जिले से एकत्र किए गए नमूनों में जीनोम सिम्बेंस में ये वायरस पाए गए हैं। हालांकि भारत में अभी इसके 40 मामले ही मिले हैं। भारत उन नौ देशों में शामिल है जहां डेल्टा पल्स संस्करण का पता चला है। ब्रिटेन के अलावा अमेरिका, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस में वैरिएंट का पता चला है।