हिंदी ने प्रगति करके वैज्ञानिक तत्त्वों को भी ग्रहण कर लिया है। आधुनिक विज्ञान की शब्दावली हिंदी में बन गई है। यह लिपि सर्वाधिक प्रभावशाली व वैज्ञानिक है। बंगला, मराठी, गुजराती आदि प्रांतीय भाषाएं भी इससे मिलती-जुलती लिपि में लिखी जाती हैं। इस प्रकार हिंदी व देवनागरी लिपि एकता की स्वरूप हंै। भारत में प्रत्येक प्रांत की बोलियां भिन्न हैं। इन सबको जोडऩे वाली हिंदी ही एकमात्र ऐसी भाषा है जो करोड़ों लोगों को एक सूत्र में पिरोए है। भारतीय लोगों की विशेषता है अनेकता में एकता तथा विभिन्नता में समानता। हिंदी भाषा इस प्रकार पूरे राष्ट्र को एक बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण योगदान कर रही है। 14 सितंबर 1949 से हिंदी हमारे देश की राष्ट्र भाषा बनी। तब से यह दिन राष्ट्र भाषा दिवस या हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। अपनी मातृभाषा के सर्वांगीण विकास के लिए तथा इसके संरक्षण व संवर्धन के लिए यह निर्णय लिया गया है। महात्मा गांधी जी के अनुसार राष्ट्रीय व्यवहार में हिंदी को काम में लाना देश की तीव्र उन्नति के लिए आवश्यक है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि संपूर्ण विश्व में भाईचारा अपनत्व प्रसार के लिए भाषा की आवश्यकता पड़ती है, पहले हमने अंग्रेजी भाषा को चुना।
अंग्रेजी के जरिए हम विश्व में कहीं भी किसी से वार्तालाप करके अपने भावों-विचारों को और संस्कृति का आदान-प्रदान कर सकते हैं। ठीक इसी प्रकार हम अपनी मातृभाषा के माध्यम से अपने भावों और विचारों को देश के कम पढ़े-लिखे लोगों, गरीबों, मजदूरों व आम जनमानस के सामने प्रकट करके उनके दिलों को जोड़कर रख सकते हैं। राष्ट्र कवि सुमित्रानंदन पंत जी ने ठीक ही कहा है-हिंदी संपूर्ण राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम स्रोत है। आज के समयानुसार अध्ययन प्रक्रिया के साथ-साथ विद्यार्थियों को मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखना, समझना अति आवश्यक है। समय-समय पर उनसे बात करना, नैतिक मूल्यों से उन्हें अवगत कराना, ईश्वरीय ज्ञान कराना अति आवश्यक है ताकि विद्यार्थी डरें नहीं, आपका सम्मान करें और अपने दिल से खुलकर बात करें। प्राचीन भारत में संस्कृत भाषा का संपर्क भाषा के रूप में प्रयोग होता था, किंतु कालांतर भारत में हिंदी संपर्क भाषा मानी गई। हम भारतवासियों का यह परम कत्र्तव्य है कि हिंदी का तिरस्कार न करें। इसका हर तरह से पूरा-पूरा सम्मान हो। सभी राष्ट्र को विकासशील से विकसित देश बनाने में सहयोग करें।
डा. ओपी शर्मा, लेखक शिमला से हैं