खुशी की बात है कि मद्रास आईआईटी तंजानिया में अपना कैंपस खोलेगा। दिल्ली और खडग़पुर आईआईटी भी कतार में लगे हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश हमारे देश का कोई भी शिक्षा संस्थान या विश्वविद्यालय दुनिया में 100वें स्थान तक भी पहुंचा नहीं है। ऐसा लगता है कि कुछ वर्षों से देश में शिक्षा को विशेष तवज्जो नहीं दी जा रही और शिक्षा बजट को बढ़ाने के बजाय कटौती की जा रही है जिसके फलस्वरूप शिक्षा के क्षेत्र में और फिसड्डी होने की संभावना बनती दिखाई दे रही है। केंद्र सरकार से अपेक्षा की जाती है कि वह शिक्षा बजट में बढ़ोतरी करे ताकि शिक्षा क्षेत्र में हम पीछे न रहें और देश के युवा वर्ग को उत्तम से उत्तम शिक्षा देने के दायित्व को निभा सकंे। 100 फीसदी शिक्षित होने पर ही हम विश्व गुरु बन सकते हैं।
-रूप सिंह नेगी, सोलन
By: divyahimachal