क्रान्तिज्योति Savitribai Phule की जयंती को शिक्षक/ शिक्षिका दिवस के रूप में मनाएं
Savitribai Phule: 3 जनवरी को भारत मे नारी शिक्षा के लिए सर्वप्रथम पहल करने वाली सावित्री बाई फुले की जयंती है। उनने और उनके पति और शिक्षक महात्मा ज्योतिबा फुले के प्रयासों से 1जनवरी1848 को पूना में लड़कियों के लिए पहला स्कूल खोला गया।इस प्रयास में सावित्री बाई को फातिमा शेख ने मदद की।सावित्रीबाई फुले ने ब्राम्हणवादी मनुवादी समाज की प्रताड़ना और प्रबल विरोध झेलकर भी स्त्री शिक्षा, ब्राम्हणी पुरुषप्रधान समाज के अत्याचार की शिकार महिलाओ के लिए आश्रयगृह की व्यवस्था तथा हिंसक जातिव्यवस्था के विरोध में अपना पूरा जीवन अर्पित कर दिया।हम जातिउन्मूलन आंदोलन से जुड़े साथी,सनातन पंथी सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में न मनाकर, नवजागरण की पुरोधा ,नारीमुक्ति और नारी शिक्षा की अग्रदूत सावित्रीबाई फुले के जन्मदिन 3 जनवरी को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का जनता से आह्वान करते हैं।आज की तारीख में पूरे देश में संघी कॉरपोरेट फॉसिस्टों के मनुवादी आक्रमण का मुकाबला करने के लिए भी यह जरूरी है।
बंदु मेश्राम,तुहिन, एम के दासान
जातिउन्मूलन आंदोलन( CAM)