कोरोना अभी उतनी दूर नहीं गया है कि हम निश्चिंत हो जाएं। दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के एक नए वेरिएंट इ.1.1529 के कारण दुनिया में चिंता की लहर है। चिंता इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि इसे अब तक का सबसे खतरनाक वेरिएंट बताया जा रहा है। सजग देशों ने अपने लोगों और स्वास्थ्य व्यवस्था को सचेत कर दिया है। अभी भारत में यह वायरस नहीं आया है, पर राज्य सरकारों को आगाह कर दिया गया है। विशेष रूप से हवाई अड्डों पर निगरानी जरूरी है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि हवाई अड्डों पर पुख्ता निगरानी की गई होती, तो भारत में कोरोना को आने से रोका जा सकता था। अगर यह नया कोरोना वायरस डेल्टा या अन्य वायरस से ज्यादा खतरनाक है, तो हमें उन तमाम बिंदुओं पर जांच, चौकसी बढ़ा देनी चाहिए, जहां से यह वायरस देश में घुस सकता है। किसी भी स्थिति में ऐसी कोई ढिलाई नहीं बरती जानी चाहिए कि तीसरी लहर की नौबत आए।
अभी इसी सप्ताह एम्स के निदेशक ने कहा था कि तीसरी लहर के तीव्र होने की आशंका नहीं है, लेकिन हमें कोशिश करनी चाहिए कि तीसरी लहर आए ही नहीं। फिर भी, पूरी सावधानी बरतने की जरूरत है। यह नया वेरिएंट उस देश इजरायल में सामने आया है, जहां टीकाकरण सबसे पहले शुरू और संपन्न हुआ था। वहां वायरस लगभग काबू में आ गया था, लेकिन वहां नए वेरिएंट का एक मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य तंत्र के इस कदर हाथ-पांव फूल गए हैं कि देश में आपातकाल लगाने पर विचार चल रहा है। इजरायल के प्रधानमंत्री ने विशेषज्ञों की बैठक बुलाई और उसके बाद ही आपातकाल की चेतावनी दी है। कुल मिलाकर, इजरायल जैसा निडर देश अगर नए वेरिएंट को लेकर इतना चिंतित है, तो इसकी गंभीरता को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी तमाम देशों से सतर्क रहने के लिए कहा है। दक्षिण अफ्रीका के महामारी विशेषज्ञ तुलियो डे ओलिविएरा ने कहा है कि यह वेरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है और अगले कुछ दिनों में हम देश के स्वास्थ्य तंत्र पर दबाव देख सकते हैं। ब्रिटिश सरकार ने पूरी सावधानी बरतते हुए दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, लेसोथो, इस्वातिनी, जिम्बाब्वे और बोत्सवाना से आने वाली सभी उड़ानों को निलंबित करने का निर्णय लिया है। जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री ने भी उड़ानों पर रोक का फैसला किया है। क्वारंटीन नियमों को भी कड़ा किया गया है। यह वेरिएंट उन देशों के लिए खतरे की घंटी है, जिन्होंने क्वारंटीन नियमों में पूरी रियायत दे दी है और जो लॉकडाउन से पूरी तरह आजाद हो चुके हैं। इटली और अन्य देश भी समय रहते कदम उठाने की जल्दी में हैं।
भारत में केंद्र सरकार ने अभी राज्य सरकारों को निर्देश देकर फौरी उपाय ही किया है। जिन देशों से नए वायरस के आने का खतरा है, क्या उन देशों से आने वाले लोगों को निगरानी में लिया जाएगा? क्या उनकी पूरी जांच होगी? क्या इन देशों से आने वाले लोग बचाव में पूरा सहयोग करेंगे? भारत में चिंता इसलिए भी ज्यादा है कि मेडिकल कॉलेज के छात्र भी सावधान नहीं हैं। कर्नाटक के मेडिकल कॉलेज में 100 से ज्यादा छात्र कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। कम से कम सजग और पढ़े-लिखे लोगों को कोरोना संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं छोड़ना चाहिए, ताकि देश में बाकी लोग भी सावधानी बरतें।
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