बज़, इवेंट और वर्षगांठ

सुबह के आठ बजे खिड़की से परदा हटाते हुए बाहर खिली धूप देखकर जुम्मन का चेहरा उस सत्ताधारी कमल की तरह खिल उठा, सुबह होते ही जिस पर भँवरे चम्मचों की तरह इठलाने लगते हैं

Update: 2021-12-27 19:06 GMT

सुबह के आठ बजे खिड़की से परदा हटाते हुए बाहर खिली धूप देखकर जुम्मन का चेहरा उस सत्ताधारी कमल की तरह खिल उठा, सुबह होते ही जिस पर भँवरे चम्मचों की तरह इठलाने लगते हैं। कमरे से बाहर आकर वह ़फुम्मन को ज़ोर से आवाज़ देते हुए बोले, ''अमाँ यार! किसी हार खाए नेता की तरह कहाँ और क्यों छिप कर बैठे हो? बाहर आकर धूप का मज़ा लो। वैसे तो मौसम विभाग ने भारी बारिश और ब़र्फबारी की चेतावनी दी थी। लेकिन सुना है आज सरकार अपनी स्थापना के तीन वर्ष का जश्न मना रही है और समारोह में मौसम के ़खलल डालने की आशंका से पिछले हफ्ते से स्थानीय देवता की शरण में थी। लगता है देवता ने उनकी यह प्रार्थना तो सुन ली। देखें, आम चुनावों में देवता क्या करते हैं?'' ़फुम्मन अपने हाथ में चाय की ट्रे लेकर बाहर निकलते हुए बोले, ''यार! कितनी बार कहा है कि ़गलत न बोला करो। लेकिन तुम हो कि तथ्यों कोे गड्ढे में फैंक कर, अपने मन की बात फैंकते रहते हो।

सरकार तो ऐसी निरंतर व्यवस्था है जो हमेशा बनी रहती है। हाँ, राजनीतिक दल बदलते रहते हैं। कहना है तो ऐसे कहो कि ़फलानी पॉलीटिकल पार्टी ने सत्ता में अपने अस्तित्व के तीन साल पूरे कर लिए और उसकी वर्षगाँठ मना रही है। सरकार अपनी वर्षगाँठ क्यों, कैसे और कब मना सकती है? यह तो राजनीतिक दल हैं जो जनता के टैक्स पर स्वयं सत्ता संभालने की तथाकथित वर्षगाँठ पर रँगरलियाँ मनाते रहते हैं। दम हो तो अपने पैसे से मनाकर दिखाएं। ऐसे मौ़कों पर सरकारी अमला माननीयों, उनके चम्मचों, कार्यकर्ताओं और मीडिया की सेवा में ऐसे पिला रहता है मानो कोई ़कज़र् के बोझ तले दबा मजबूर बाप बारात की ़खातिरदारी कर रहा हो।'' जुम्मन ने अपना कप पकड़ा और चुस्की लेते हुए बोले, ''अच्छा यह तो बताओ कि बज़ क्रिएट करना क्या होता है और यह कैसे क्रिएट होती है? सुना है सरकार अपनी वर्षगाँठ का जश्न मनाकर लोगों में बज़ क्रिएट करना चाहती है। इसका हासिल क्या होगा?'' ़फुम्मन हँसते हुए बोले, ''भैंस का मूँड, जिसे चाहे तो अ़क्ल और भैंस के साथ भी जोड़ सकते हो। क्या सरकार कोई उत्पाद है जो वीडियो बनाकर या किसी रहस्योत्पादन से बज़ क्रिएट करेगी या सनी लियोन है जिसके अंगवस्त्र उतारने से बज़ क्रिएट होगी
गैंडे की खाल पहन कर घूमने वाली सरकारें क्या बज़ क्रिएट करेंगी। बज़ क्रिएशन का हासिल तो उपचुनावों में देख ही चुके हो। सबको पता है काली भैंस स़फेद दूध देती है। क्या बज़ क्रिएट करने के लिए काली भैंस के दूध को काला बताया जा सकता है या भैंस को स़फेद दिखाया जा सकता है। हाँ, बज़ क्रिएट करने के लिए काशी के घाट पर उलटी डुबकी अवश्य मारी जा सकती है।'' जुम्मन आश्चर्यचकित होकर बोले, ''क्या बज़ क्रिएट करने के लिए उपलब्धियों का स्मारक बनाया जा सकता है?'' ''क्यों नहीं? अगर बज़ क्रिएट करने के लिए मनरेगा का स्मारक बनाया जा सकता है तो अपनी सरकार की उपलब्धियों का क्यों नहीं? वैसे भी सरकार की उपलब्धियों का बज़ तो पब्लिक उपचुनावों में पहले ही क्रिएट कर चुकी है। अपनी सत्ता के पाँचवें साल में अब निठल्ले रामों को बज़ क्रिएट करने की याद आ रही है। साहिब, अब आम चुनावों को देखकर द्रवित हैं। पब्लिक में बज़ क्रिएट करने के लिए पिछले एक महीने से अपने गृह नगर में चारपाई बिछाकर उठक-बैठक कर रहे हैं। लेकिन उनका आशावाद है कि अँग्रेज़ी के ओ अक्षर की तरह ऊपर पहुँचते ही नीचे लुढ़कना शुरू हो जाता है। कई बार लगता है सरकार, अब सरकार नहीं, इवेंट मैनेजमैंट कंपनी बनकर रह गई है'', फुम्मन गंभीर होते हुए बोले। धूप सिर पर चढ़ आई थी। सरकार की तरह जुम्मन की नींद अभी भी पूरी नहीं हुई थी। बाहर बिछी चारपाई पर लेटते ही उन्होंने ़खर्राटे मारने शुरू कर दिए।
पी. ए. सिद्धार्थ
लेखक ऋषिकेश से हैं
Tags:    

Similar News

ईर्ष्या हद
-->