Budget 2025 विश्लेषण: आम जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरा इस बार बजट

Update: 2025-02-02 09:25 GMT
"एक बात जो मैं निश्चित रूप से उजागर करना चाहूंगी, वह है लोगों की आवाज पर प्रतिक्रिया देना, जिसके लिए प्रधानमंत्री मोदी अपने प्रशासन में जाने जाते हैं। यह एक बहुत ही उत्तरदायी सरकार है और इसके परिणामस्वरूप, आयकर सरलीकरण जिसकी मैंने जुलाई में घोषणा की थी, वह पहले ही पूरा हो चुका है और हम अगले सप्ताह विधेयक लाएंगे इसलिए यदि हम कराधान सहित सुधार की बात कर रहे हैं, तो काम पूरा हो चुका है। यह बजट युक्तिकरण और सीमा शुल्क के बारे में भी बात करता है। टैरिफ को कम किया जा रहा है, टैरिफ को सरल बनाया जा रहा है..... निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री,भारत सरकार"
मोदी सरकार 3.0 का पहला पूर्णकालिक आम बजट पेश हो गया है। बजट 2025 पर सबकी निगाहें टिकी थीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना 8वां बजट आज सुबह 11 बजे लोकसभा में पेश किया। इससे पहले वह छह पूर्णकालिक और दो अंतरिम बजट पेश कर चुकी हैं। इस बजट में इनकम टैक्स को लेकर मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी गई है। आम बजट में ऐलान किया गया है कि 12 लाख तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नए टैक्स रिजीम के तहत इसकी छूट दी जाएगी। वित्त मंत्री ने बताया कि अब देश के एक करोड़ और लोग ऐसे हो जाएंगे को कोई इनकम टैक्स नहीं देंगे। इसके अलावा, वित्त मंत्री ने डेयरी और फिशरी फार्मर्स के लोन की सीमा बढ़ाने का ऐलान किया है। एमएसएमई सेक्टर का क्रेडिट कवर बढ़ाने का भी ऐलान किया गया है। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों को टैक्स की छूट की सीमा दोगुनी कर दी जाएगी। वहीं विपक्षी दलों ने बजट को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने कहा कि ऐसा लगता है यह देश का नहीं बल्कि केवल बिहार का बजट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वित्त बजट की तारीफ करते हुए इसे विकसित भारत के लक्ष्य को ड्राइव करने वाला बजट बताया। वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियों ने इस बजट पर सवाल खड़े किए हैं।


 


केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा शनिवार को प्रस्तुत बजट की शहर के व्यवसायियों, युवा और सीए सहित आम लोगों ने सराहना की। लोगों की सबसे अधिक खुशी 12 लाख तक की आय टैक्स से मुक्त किये जाने से थी। अब तक इतनी राशि की आय पर लोगों को 80 हजार टैक्स देना पड़ता था। इसके अलावा अपडेटेड रिटर्न भरने की सीमा चार साल किए जाने से लोगो को राहत मिली है। व्यवसायियों का कहना था कि आयकर में छूट उनकी मांग थी जो पूरी हुई। कैंसर सहित गंभीर बीमारियों की 26 प्रकार की दवाओं पर टैक्स कम किया जाना भी सरकार की अच्छी पहल है, लेकिन सीनियर सिटीजंस को रेलवे में रियायत नहीं दी गयी है, इससे एक बड़ा वर्ग जिस राहत की उम्मीद कर रहा था, वह पूरी नहीं हुई। महिलाओं ने भी बजट को सराहा। घरेलू और कामकाजी महिलाओं का कहना था कि महिलाओं को उद्योग से जोड़ने की पहल से महिलाओं का विकास होगा।
√इस बजट में एसएसी एसटी महिलाओं को मिलेगा फायदा मिले इसके लिए महिलाओं के लिए बजट में प्रावधान किया गया है। एसएसी और एसटी की पांच लाख महिलाओं को सरकार उद्यम खड़ा करने के लिए वित्तीय सहायता देगी़ साथ ही उन्हें प्रशिक्षण और मेंटरशिप प्रदान किया जाएगा। सरकार की यह अच्छी पहल है। इसके अलावा पिछ़ड़े वर्ग की की महिलाओं के लिए खास स्कीम लाने की घोषणा की गयी है। महिलाओं के हितों का ध्यान रखा गया है।
√इस बजट में कैंसर की दवाओं पर टैक्स में छूट से राहत दी गई है जिसकी देश के अनेक केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन द्वारा बहुत समय पहले से सरकार से मांग की जा रही थी कि गंभीर बीमारियों की दवा में जीएसटी कम किया जाए। इस बार सरकार ने मांग सुनी है और कैंसर की महंगी दवाओं से टैक्स बहुत कम किया है। सरकार की यह अच्छी पहल है। इससे कैंसर पीड़ित व्यक्तियों को आर्थिक नुकसान कम होगा। सरकार का यह फैसला जनहित में है।
√इस बजट में अस्थायी कर्मचारियों की लिए अच्छी पहल और अच्छी खबर है कि अस्थायी कर्मचारियों के लिए सरकार ने अच्छी पहल की है। अब विभिन्न संगठनों में काम करने वाले अस्थायी कर्मचारियों का डाटा श्रम विभाग के पोर्टल पर अपलोड होगा। इन कर्मचारियों को पांच लाख इंश्योरेंस की सुविधा मिलेगी।
√ किसानों के लिए भी सरकार ने अच्छा फैसला किया है। अब किसानों का क्रेडिट कार्ड तीन लाख से बढ़ा कर पांच लाख कर दिया गया है।
√इस बार बजट में जीडीपी का ग्रोथ बढ़ाने की नहीं हुई वैसे आयकर में छूट तो अच्छी पहल है, लेकिन सरकार ने वित्तीय घाटे को 4.4 फीसदी ही रखा है। पहले से प्लानिंग थी कि वित्तीय घाटे को 4 फीसदी से कम किया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। देश का जीडीपी ग्रोथ भी अभी कम है। पीएम देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनाने की बात कहते हैं, लेकिन यह तभी होगा, जब हमारा जीडीपी सात फीसदी से अधिक होगा।
√इस बजट में मध्यम वर्ग का रखा गया ध्यान इस बार का बजट बहुत अच्छा है सरकार ने लोगों के हितों का ध्यान रखा है। इस बजट से मध्यम वर्ग के लोगों को फायदा मिलेगा। आयकर में छूट से लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी सरकार का यह बजट देश को विकसित करने वाला बजट है। इस बजट में युवाओं, महिलाओं, नौकरीपेशा सहित व्यवसायियों के लिए भी बहुत कुछ है।
√इस बजट में बुजुर्गों के टैक्स डिडक्शन की सीमा हुई एक लाख कर दी गई है सरकार ने सीनियर सिटिजंस के लिए भी बजट में बहुत कुछ रखा है। बुजुर्गों के टैक्स डिडक्शन की सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख कर दिया गया है। इससे बुजुर्गों को बड़ी राहत मिलेगी और उनकी टैक्स देनदारी कम होगी। अपडेटेड रिटर्न भरने की सीमा पहले दो साल थी। अब इसे चार साल कर दिया गया है। इससे लोगों को सुविधा मिलेगी। बजट अपेक्षाओं पर खड़ा उतरा है।
√इस बजट में महिलाओं को ध्यान में रखते हुए उनको स्वावलंबी बनाने की दिशा में कार्य करेगा यह बजट निम्न, मध्यम और उच्च वर्ग की सभी महिलाओं के लिए लाभकारी है। पहली बार बजट में महिलाओं के लोन को एक्सटेंड करने के बात की गयी है इसके साथ ही पांच लाख महिलाओं को रोजगार से जोड़ने का भी प्रावधान किया गया है। महिलाओं के उद्योग और काम के लिए डिजिटल मार्केटिंग से प्रमोट करने का प्रावधान भी अच्छी पहल है इससे महिलाएं स्वावलंबी बनेंगी।
√इस बजट में सरकार ने टीडीएस और टीसीएस का सामान्यीकरण कर सरकार ने इस बार टीडीएस और टीसीएस के सामान्यीकरण द्वारा विदेशों में पढ़ाई करने वाले बच्चों को टीसीएस में छूट मिली है, इससे शिक्षा में लाभ मिलेगा। अपडेट रिटर्न पहले दो साल का था, अब चार साल हो गया है। सरकार की यह अच्छी पहल है। इस बार का बजट लोगों की आंकाक्षाओं के अनुरूप है। इस बजट से लोगों को फायदा मिलेगा, ऐसी उम्मीद है।
√इस बात बजट में 12 लाख तक की आय पर 80 हजार की छूट देने का प्रावधान किया गया है जहां पहले 12 लाख तक की आय पर 80 हजार टैक्स देना पड़ता था। वहीं अब उस टैक्स से राहत मिल गयी है। यह मध्यमवर्गीय लोगों के लिए बड़ी राहत है। सरकार ने लोगों की मांग को पूरा किया है। बजट में लोगों की जो उम्मीदें थी, उससे अधिक मिला है। अधिकतर लोग टैक्स में छूट की सीमा 10 लाख कह रहे थे, लेकिन अब 12 लाख तक की आय पर छूट मिल गयी है यह एक अच्छी पहल है।
√इस बजट में देश की इंटरनल सुरक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को मिले 2 करोड़ 33 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है जो की वित्त वर्ष 2024-25 में मिले 2,19,643.31 करोड़ रुपए से 13,567.37 करोड़ रुपए अधिक है। दो करोड़ 33 लाख रुपए के इस बजट में एक करोड़ 60 लाख रुपए सीएपीएफ को दिए गए हैं। जिसमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, और सीआईएसएफ जैसे केंद्रीय पुलिस बल हैं। बजट में अर्धसैनिक बलों में सीआरपीएफ को 35,147 करोड़ रुपये, बीएसएफ को 28,231 करोड़, सीआईएसएफ को 16,084 करोड़, आईटीबीपी को 10,370 करोड़, एसएसबी को 10,237 करोड़ रुपये और असम राइफल्स को 8,274 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। इसके अलावा खुफिया ब्यूरो (आईबी) को 3,893 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। एनडीआरएफ को 1,922 करोड़ रुपए मिले। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जम्मू कश्मीर को 41,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। जो अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद केंद्र शासित प्रदेश बना।
√रेलवे को 2.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित, 200 वंदेभारत ट्रेन बनाने की मंजूरीः अश्विनी वैष्णव ने कहा अगले वित्त वर्ष के बजट में रेलवे के लिए 2.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और 17,500 साधारण डिब्बे, 200 वंदे भारत और 100 अमृत भारत ट्रेनें बनाने जैसी परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। वैष्णव ने वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश होने के बाद यहां रेल भवन में संवाददाताओं से बातचीत में रेलवे के लिए आवंटित परियोजनाओं एवं भावी परिव्यय की जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘‘बजट में 4.6 लाख करोड़ रुपये की नई परियोजनाएं शामिल की गई हैं, जो चार से पांच साल में पूरी हो जाएंगी। ये नई रेल लाइन बिछाने, मौजूदा रेल लाइन का दोहरीकरण करने, नए निर्माण, स्टेशनों के पुनर्विकास और फ्लाईओवर एवं अंडरपास जैसे कार्यों से संबंधित हैं।’’ बजट में गरीब कैदियों की मदद के लिए पांच करोड़ रुपये आवंटित केंद्र ने 2025-26 के बजट में जेलों में बंद ऐसे कैदियों की वित्तीय मदद के लिए पांच करोड़ रुपए निर्धारित किए हैं, क्योंकि वे अपनी जमानत राशि का भुगतान नहीं कर सकते। ‘मॉडल जेल और सुधारात्मक सेवा अधिनियम’ 2023 के तहत, राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरणों ने जरूरतमंद व्यक्तियों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए जेलों में कानूनी सेवा क्लीनिक स्थापित किए हैं। कानूनी सेवा क्लीनिकों का प्रबंधन पैनल में शामिल कानूनी सेवा अधिवक्ताओं और प्रशिक्षित पैरा-लीगल स्वयंसेवकों द्वारा किया जाता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले बजट को आम नागरिकों को समर्पित बताते हुए कहा कि इस बजट से किसानों, युवाओं, महिलाओं, श्रमिकों सहित हर वर्ग की आकांक्षाएं पूरी होंगी और देश की विकास यात्रा भी तेज होगी।
मोदी ने आम बजट 2025-26 पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “आज भारत के विकास यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। ये 140 करोड़ भारतीयों के आकांक्षाओं का बजट है, ये हर भारतीय के सपनों को पूरा करने वाला बजट है।”
बजट की कुछ अहम घोषणाओं में इनकम टैक्स स्लैब्स के अलावा, बजट में कुछ और बड़े ऐलान किए गए हैं। जैसे
√गांवों के सभी सरकारी सेकेंडरी स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) में ब्रॉडबैंड इंटरनेट दिया जाएगा।
√भारतीय भाषा पुस्तक योजना के तहत, स्कूल और कॉलेजों के लिए डिजिटल रूप में भारतीय भाषाओं की किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी।
√सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 योजना से 8 करोड़ से ज्यादा बच्चों और 1 करोड़ गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताओं को लाभ मिला है। √अगले 3 सालों में सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर सेंटर खोले जाएंगे। 2025-26 में 200 नए सेंटर बनाए जाएंगे।
√क्या सस्ते हुए: सरकार ने इस बजट में आम लोगों और कारोबारियों को राहत देने की कोशिश की है। बुनकरों के बुने कपड़े और चमड़े से बने सामान अब सस्ते होंगे .समुद्री उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी 30% से घटाकर 5% कर दी गई है, जिससे इनकी कीमत कम होगी. फ्रोजन फिश पेस्ट पर भी कस्टम ड्यूटी 15% से घटाकर 5% कर दी गई है. जीवन रक्षक और कैंसर की दवाएं सस्ती कर दी गई हैं, जिससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी .LED और LCD टीवी के दाम घटेंगे, क्योंकि इन पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी कम कर दी गई है. लिथियम आयन बैट्री अब सस्ती होगी, जिससे EV और मोबाइल बैट्री के दाम भी कम हो जाएंगे।
√ क्या महंगे हुए: हर बजट में कुछ चीजों पर टैक्स बढ़ाया जाता है, जिससे उनकी कीमतें बढ़ जाती हैं। वहीं, कुछ उत्पादों पर टैक्स घटाया या हटा दिया जाता है, जिससे वे सस्ते हो जाते हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ है।
इंटरेक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले की बेसिक कस्टम ड्यूटी 10% से बढ़ाकर 20% कर दी गई है, जिससे इनके दाम बढ़ सकते हैं। अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड (UPF) यानी ज्यादा प्रोसेस किए गए पैक्ड फूड आइटम्स पर टैक्स बढ़ाने की चर्चा हो रही है। इनमें नमकीन, पैकेज्ड स्नैक्स, अधिक चीनी वाले जूस, बिस्किट, रेडी-टू-ईट फूड और कोल्ड ड्रिंक्स जैसी चीजें शामिल हैं.सरकार ने FSSAI (फूड सेफ्टी अथॉरिटी) की सख्त गाइडलाइंस लागू करने और जागरूकता अभियान चलाने पर भी जोर दिया है, ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा ताजा और मौसमी फल-सब्जियां खाएं और प्रोसेस्ड फूड से बचें।
इसका सीधा मतलब यह है कि पैक्ड फूड और जंक फूड महंगे हो सकते हैं, जबकि ताजा और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों को बढ़ावा दिया जाएगा।
बरहाल पूरी उम्मीद के साथ यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार का बजट संतुलित है और अपनी आशानुरूप देश को ओर देशवासियों को प्रगति के पथ पर ले जाने मै सक्षम होगा देश के अर्थव्यवस्था को सदृश करने में सक्षम होगा सकता ही महिलाओं युवा वर्ग उद्यमियों की अपेक्षा पर खरा साबित होगा।
आलेख ©® डॉ राकेश वशिष्ठ वरिष्ठ पत्रकार एवं संपादकीय लेखक
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