जब कोई अपना गलत रास्ते पर चले तो उसे समझाने की कोशिश करनी चाहिए, न कि उससे नाता ही तोडक़र उसका साथ छोड़ देना चाहिए। भाजपा का साथ छोडऩे वाले शिवसेना, अकाली दल और अब नीतीश ने यह भी संकेत दिए हंै कि हमारे देश में गठबंधन की सरकार के गिरने के बहुत ही ज्यादा चांस हैं। हालांकि केंद्र में भाजपा की बहुमत की सरकार है, इसलिए इस पर इसके किसी समर्थक दल के साथ छोडऩे से गिरने का डर नहीं है।
लेकिन भाजपा के लिए यह खतरे की घंटी आगामी विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए हो सकती है, क्योंकि देश के बहुत से राज्यों में भाजपा का अस्तित्व वहां के क्षेत्रीय दलों पर निर्भर है। भाजपा को इस बात का मंथन जरूर करना चाहिए कि उसका खास राजनीतिक दल या राजनेता क्यों साथ छोड़ रहे हैं?
-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा