बाइडेन अब देश को पटरी पर लाने पर ध्यान दें, ट्रंप के खिलाफ महाभियोग को जाने दें

ये एक रोचक शपथ ग्रहण समारोह था

Update: 2021-01-22 13:05 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ये एक रोचक शपथ ग्रहण समारोह (Joe Biden US inauguration) था. बिल्कुल दोस्तों की एक मजेदार गार्डन पार्टी जैसा. एक ऐसा देश, जो हाल ही में कुछ हरकतों से घायल हुआ. मौजूदा वक्त में ये देखकर हैरान है कि वह यहां कैसे आ गया है. अब वह फिर से अच्छे और गौरवशाली कल की ओर बढ़ रहा है. वह यहां आ गया है, जहां वह अच्छे और गौरवशाली सभी वस्तुओं को एक शानदार निर्माता के रूप में तैयार कर उनका निर्यात कर रहा है.


ठीक ऐसा ही राष्ट्रपति जो बाइडेन ने किया है. उन्होंने खुद को एक व्यक्ति के रूप में स्थापित किया है, जो देश की समस्याओं को सुलझाता है. वह एक ऐसे शख्स हैं, जो देश को एक साथ लाते हैं और उन लोगों का सम्मान करते हैं, जो अमेरिकी सपने को दर्शाते हैं.
उन्होंने कोई दिखावा नहीं किया, जैसा कि कुछ रिपब्लिकंस ने इशारा किया था. और फॉक्स न्यूज का एक पक्ष की ओर अनुचित तरह से झुकना रहा. हां, शपथ ग्रहण कार्यक्रम काफी मिलनसार लगा. और दिखा कि यह सामान्य लोगों की भावनाएं हैं. यह समय की जरूरत थी.

सभी तक नहीं पहुंचा शांति का संदेश
शपथ ग्रहण के बाद डेनवर, सिएटल और पोर्टलैंड में जिस तरह दंगे हुए हैं, वो इस बात सबूत हैं कि शांति का संदेश सभी तक नहीं पहुंचा है. शायद बाइडेन को नैंसी पेलोसी को महाभियोग प्रस्ताव को सीनेट में भेजने से रोकना चाहिए और इस भूल कर आगे बढ़ना चाहिए.
ऐसे व्यक्ति के खिलाफ महाभियोग चलाने का क्या मतलब है कि जो अब एक आम नागरिक है? ऐसा क्यों करना, जब देश में विभाजन अभी इतना गहराया हुआ है, तो क्या इसे और अधिक बढ़ाना चाहिए. किसी घटना के बाद जब किसी कार्यालय को संभालने वाला व्यक्ति चला जाता है तो उसके द्वारा किए गए कार्यों को लेकर उस पर कार्रवाई करना आसान होने के साथ-साथ आकर्षक भी लगता है.

महाभियोग को भूल जाएं
यह नहीं भूलना चाहिए कि सात करोड़ लोग अभी भी उस व्यक्ति के समर्थन में खड़े हैं, जिसने अमेरिका और खुद ही छवि को धूमिल किया है. मगर उस पर कार्रवाई करने पर कहा जाएगा कि वह गंवार, मतलबी और बुरा ही क्यों ना रहा हो, लेकिन उसकी नीतियां बहुत सफल रहीं.

यदि बाइडेन महाभियोग चलाने की अनुमति देते हैं, तो यह समर्थन के दृष्टिकोण को अधिक बढ़ाएगा. बाइडेन के कार्यकाल को इस भार की जरूरत नहीं है. अवमानना कभी-कभी बदला लेने का सूक्ष्म रूप है. अब वह व्यक्ति जा चुका है, उसे जाने दीजिए. यदि आप उसे शहीद करेंगे, तो इसकी एक कीमत चुकानी होगी.


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