टीकों की उपलब्धता: कोविड रोधी टीका लगाने की मांग तेज होने के चलते देश में टीकों का उत्पादन बढ़ाने की जरूरत
एक ऐसे समय जब 45 वर्ष से कम आयु वालों को भी कोविड रोधी टीका लगाने की मांग तेज होने के साथ टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने की भी आवश्यकता है,
एक ऐसे समय जब 45 वर्ष से कम आयु वालों को भी कोविड रोधी टीका लगाने की मांग तेज होने के साथ टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने की भी आवश्यकता है, तब पर्याप्त संख्या में टीकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उपाय किए जाने चाहिए। ऐसे उपाय इसलिए जरूरी हैं, क्योंकि कोविशील्ड टीके का उत्पादन करने वाले सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला यह कह रहे हैं कि टीका उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के लिए तीन हजार करोड़ रुपये की दरकार है। उन पर टीका उत्पादन की क्षमता बढ़ाने का दबाव पहले से है, क्योंकि इस टीके का निर्माण करने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका को यह शिकायत है कि सीरम इंस्टीट्यूट वांछित संख्या में टीके की आपूर्ति नहीं कर पा रहा है। ऐसे में भारत सरकार को यह देखना ही चाहिए कि इस इंस्टीट्यूट के साथ कोवैक्सीन नामक टीका बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक भी कम समय में ज्यादा टीकों का उत्पादन करने में समर्थ हो। इस पर इसलिए भी ध्यान दिया जाना चाहिए, क्योंकि देश के साथ विदेश में भी भारत में बनाए जा रहे टीकों की मांग बढ़ रही है।