अकबर मानहानि केसः प्रतिष्ठा से बड़ी गरिमा
पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की ओर से दायर आपराधिक मानहानि मामले में आया दिल्ली की एक अदालत का फैसला उन सभी महिलाओं को हौसला देने वाला है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की ओर से दायर आपराधिक मानहानि मामले में आया दिल्ली की एक अदालत का फैसला उन सभी महिलाओं को हौसला देने वाला है, जो जीवन में किसी न किसी रूप में यौन उत्पीड़न की शिकार हुई हैं या ऐसी आशंका के बीच जी रही हैं। देश में मी-टू आंदोलन का दौर शुरू होने के बाद प्रिया रमानी उन शुरुआती महिलाओं में थीं जिन्होंने कथित उत्पीड़क का नाम लेते हुए अपने उत्पीड़न का ब्योरा दिया। उनके बाद एक-एक कर कई महिला पत्रकारों ने आगे आकर बताया कि उन्हें भी अपने तत्कालीन संपादक अकबर के ऐसे ही कृत्यों का सामना करना पड़ा है। नतीजा यह रहा अकबर को केंद्रीय मंत्री का पद छोड़ना पड़ा और उन्होंने प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया। अदालत ने अपने फैसले में प्रिया रमानी को बरी तो किया ही, साथ में ऐसी कई दलीलों को मजबूती से खारिज किया जो बुरे अनुभवों से गुजरने के बाद मुंह खोलने की हिम्मत करने वाली महिलाओं के खिलाफ इस्तेमाल की जाती रही हैं।