उत्तर प्रदेश: धातु कंपनी पर एनजीटी ने लगाया 50 करोड़ रुपये का जुर्माना
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नयी दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पर्यावरण संबंधी नियमों का बार-बार उल्लंघन करने पर उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले की एक धातु कंपनी पर 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। एनजीटी के प्रमुख जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुये सी एल गुप्ता एक्सपोर्ट लिमिटेड पर जुर्माना लगाया।
कंपनी के खिलाफ दायर अपील में कहा गया था कि वह भूमिगत जल को अवैध रूप से निकाल रही है और साथ ही अनुपचारित कचरे को खुली नालियों में डाल रही है, जो अंत में गंगा नदी की सहायक नदी रामगंगा में गिरती हैं। इससे जल प्रदूषण हो रहा है और पर्यावरण को क्षति पहुंच रही है। एनजीटी ने 443 पेज के अपने ऑर्डर में कहा कि कंपनी मार्च 2019 से भी पहले से पर्यावरण नियमों का उल्लंघन कर रही है और तीन अगस्त 2021 को जब इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा गया, तब तक करती रही।
कंपनी पर पहले भी 20 लाख का जुर्माना लगाया गया था और उसने यह राशि जमा कर दी थी। एनजीटी ने कहा कि कंपनी 7,000 से अधिक लोगों को रोजगार दे रही है। कंपनी का टर्नओवर वर्ष 2019-20 में 550 करोड़ रुपये था इसी कारण उसपर 49.50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगना चाहिये, लेकिन हम इसे 50 करोड़ रुपये करते हैं।
एनजीटी ने कंपनी को दो माह के भीतर जुर्माना राशि जमा कराने का आदेश दिया। कंपनी ने कहा था कि उसने सभी नियमों का पालन किया है और स्थिति रिपोर्ट की सभी सिफारिशों को माना है। कंपनी से प्राप्त जुर्माना राशि का इस्तेमाल भूमिगत जल स्तर को दोबारा ठीक करने और पर्यावरण को हुई क्षति को ठीक करने में की जायेगी। एनजीटी ने साथ ही प्रशासन का एक पैनल बनाया जो इस पूरी योजना को तीन माह में तैयार करके लागू करेगी।