दिल्ली के लोग रूटीन में करें बदलाव, छोड़ दें सुबह-शाम की सैर: दिल्ली-NCR में प्रदूषण पर एक्सपर्ट्स
नई दिल्ली न्यूज़: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। हवा की गुणवत्ता बेहद खराब तक पहुंच गई। दिल्ली सहित NCR क्षेत्र में शुक्रवार को भी धुंध की चादर देखी गई। आनंद विहार में आज सुबह AQI 440 दर्ज किया गया। नोएडा सेक्टर 62 में 367 और वहीं गुरुग्राम सेक्टर 51 में 356 AQI दर्ज किया गया। हालांकि माना जा रहा है कि हवा चलने और पराली कम जलने की वजह से दिवाली के अगले दिन प्रदूषण का स्तर उतना ऊंचा नहीं पहुंचा लेकिन गुरुवार की सुबह प्रदूषण दिवाली के अगले दिन से भी ज्यादा दर्ज किया गया।
दिल्ली-एनसीआर में आज कैसा है प्रदूषण का हाल
दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार की सुबह फिजा में सफेद धुंध की चादर देखी गई। दिल्ली के आनंद विहार में AQI 440, मुंडका में 357 और आरकेपुरम में 345 दर्ज किया गया। एनसीआर की बात करें तो नोएडा सेक्टर 62 में 367 और गुरुग्राम में आज सुबह AQI 356 दर्ज किया गया है।
बढ़ने लगे हैं पलूशन के मरीज: डॉक्टरों से जब हमने प्रदूषण को लेकर बात की तो उन्होंने कहा कि प्रदूषण की वजह से सांस, आंख और स्ट्रोक की बीमारी हो सकती है। उनका कहना है कि जिन लोगों को कोविड हो चुका है, उन पर प्रदूषण का असर काफी ज्यादा हो सकता है। इसके अलावा बच्चे और बुजुर्ग प्रदूषण की जद में आसानी से आ सकते हैं। अकॉर्ड सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में पल्मोनॉलजिस्ट डॉ. रोहित मुखर्जी कहते हैं कि जिन लोगों को दमा, सीओपीडी या फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं हैं, उन पर प्रदूषण खास असर दिख सकता है। इसलिए उन्हें अपना अतिरिक्त बचाव करना चाहिए।
शार्प साईट आई हॉस्पिटल्स के मेडिकल डायरेक्टर समीर सूद कहते हैं कि प्रदूषण की वजह से लोगों को ऐलर्जी, विजन और सिरदर्द की परेशानी हो रही है जिस वजह से वह डॉक्टर के पास आ रहे हैं। वहीं पीएसआरआई अस्पताल में न्यूरोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. कदम नागपाल कहते हैं कि पलूशन की वजह से हमेशा ब्रेन स्ट्रोक की समस्या बढ़ते हुए देखी गई है। स्टडीज के माध्यम से हम ये बता सकते हैं कि प्रदूषण के संपर्क में ज्यादा समय तक रहने की वजह से स्ट्रोक की समस्या हो सकती है। इससे दिमाग में क्लोटिंग के चांस बढ़ जाते हैं। सर्दी में तो स्ट्रोक का जोखिम बढ़ा जाता है और फिर प्रदूषण इसके खतरे कई गुना बढ़ा देता है।
मास्क पहनना ही है सही उपाय: त्योहारी सीजन खत्म होने के साथ ही बच्चों के स्कूल खुल जाएंगे और वयस्कों के ऑफिस शुरू हो जाएंगे। ऐसे में घर से बाहर तो निकलना ही पड़ेगा। साथ ही कुछ लोगों की फील्ड जॉब होती है जिन्हें आमतौर पर दिनभर सड़कों पर ही रहना पड़ता है। ऐसे में वह लोग किस तरह अपना बचाव कर सकते हैं? इसके जवाब में डॉक्टर्स का कहना है कि दिवाली के बाद हुए इस प्रदूषण से बचने का सबसे अच्छा तरीका मास्क पहनना ही है। मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में पल्मोनॉलजी विभाग के प्रमुख डॉ. विवेक नांगिया कहते हैं, 'प्रदूषण से बचाव के लिए एन 95 रेटिंग वाले मास्क का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि ये 95 प्रतिशत वायु कणों को शरीर मे घुसने से रोकता है। इसके अलावा ज्यादा देर तक प्रदूषण वाली जहरीली हवा में घूमने से बचें और ऑफिस या घर पहुंचने के बाद अच्छे से हाथ व मुह को जरूर धोएं क्योंकि अध्ययनों से पता चला है कि वायु प्रदूषण आपकी त्वचा पर बस जाता है, जहां से यह अन्य सभी प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है और आपकी त्वचा पर भी असर कर सकता है।'
जिन लोगों को दमा, सीओपीडी या फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं हैं, उन पर प्रदूषण खास असर दिख सकता है। इसलिए उन्हें अपना अतिरिक्त बचाव करना चाहिए।
डॉ. रोहित मुखर्जी, पल्मोनॉलजिस्ट, अकॉर्ड सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल
बंद कर दें सुबह-शाम की सैर: ल्ली के पार्कों में सुबह और शाम लोग सैर करते मिल जाते हैं। जाहिर है कि ये सैर वे अपनी सेहत के लिए करते हैं। लेकिन मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि सुबह शाम की ये सैर प्रदूषण के दिनों में फायदे की बजाय नुकसान दे सकती है। पीएसआरआई अस्पताल की सीनियर कंसल्टेंट पल्मोनॉलजिस्ट डॉ. नीतू जैन कहती हैं कि इस बदलते मौसम में प्रदूषण और ठंडक से बचने के लिए सुबह-शाम की सैर बंद कर देनी चाहिए, खासकर 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को। डॉ. रोहित मुखर्जी कहते हैं, 'इन दिनों में सुबह 9 बजे से पहले घर से निकलना नहीं चाहिए। इसके अलावा शाम को 5 बजे के बाद भी हवा में पलूशन की मात्रा ज्यादा होती है और ठंडक भी होती है, तो इस समय भी घर से निकलने से बचना चाहिए। इसके अलावा अपनी सारी वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए ताकि सेहत से जुड़ी कोई दिक्कत ना हो।' वहीं इनडोर पलूशन भी लोगों के लिए समस्या पैदा करता है, उससे बचाव के लिए क्या करना चाहिए?
अगर प्रदूषण की वजह से आंखों में जलन या विजन की समस्या हो रही है तो कवर्ड चश्मे पहनकर बचाव किया जा सकता है। चश्में ऐसे हों जो साइड से भी कवर्ड हों।
डॉ. समीर सूद, डायरेक्टर, शार्प साईट आई हॉस्पिटल्स
डॉ. विवेक नांगिया कहते हैं कि इनडोर पलूशन से बचने का समाधान यह है कि घर या ऑफिस में सही वेंटिलेशन होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो अंदर में छोटे-छोटे पौधें रखें जिनसे अंदर की हवा साफ रहती हैं। घर व ऑफिस के अंदर एक अच्छे एयर प्यूरीफायर का उपयोग करे जो अंदर की हवा को स्वस्थ बनाए एवं किसी को सांस लेने में तकलीफ भी ना हो। घर में मौजूद रेफ्रिजरेटर जैसे अन्य उपकरण को बंद कमरे में ना रखें, उनसे जहरीली गैस घर के अंदर फैलती है जो काफी खतरनाक साबित हो सकती है।
रखें ये सावधानियां:
– सुबह 9 बजे से पहले और शाम 5 बजे के बाद सैर के लिए ना निकलें।
– अपने खानपान में आंवला, संतरा, अमरूद, नींबू, राजमा, किशमिश, टमाटर, अखरोट, पालक, चिया सीड्स, सोयाबीन ऑयल, हल्दी का दूध शामिल करें।
– गाड़ी में एयर प्यूरिफायर लगवाएं।
– एक्सरसाइज जरूर करें। उनमें प्राणायाम या सांस से जुड़ी एक्सरसाइज शामिल करें।