NCR Ghaziabad: पुलिस जांच में युवती के आत्महत्या की गुत्थी की परत दिन-प्रतिदिन खुल रही
"युवती पर 72 लाख की कार खरीदने का दबाव बना रहा था फराज"
गाजियाबाद: कविनगर क्षेत्र में युवती के आत्महत्या की गुत्थी की परत दिन-प्रतिदिन पुलिस जांच में खुल रही है। कैंसर से जिंदगी की जंग लड़ रहे पिता के अनुसार फराज ने उनकी बेटी को उसके नाम से सेनेट्री पैड की फैक्टरी खोलने का सपना दिखाया और 19 लाख रुपये हड़प लिए। रोका होने के बाद फराज ने युवती पर धर्मांतरण करने और 72 लाख रुपये की बीएमडब्ल्यू या लेक्सस कार खरीदने का दबाव बनाया।
उनकी बेटी के कमरे से लेक्सस कार का कैटलॉक और पंजीकरण फार्म मिले हैं। फराज के भाई की युवती के मोबाइल में कुछ चैट्स मिले हैं, जिसमें उसने निकाह के कार्ड पर युवती के नाम की स्पेलिंग स्पष्ट लिखकर व्हाट्सअप पर भेजने को लिखा है। बताया कि उन्होंने फराज के साथ उसके परिवार की संलिप्तता के कई सबूत दिए हैं। इन सबूतों के आधार पर नौ जनवरी तक अग्रिम जमानत पाए फराज के भाई, बहन और मां की गिरफ्तारी संभव हो सकेगी।
जिस घर में बेटी की खिलखिलाहट गूंजती थी उस घर में अब मातम पसरा है। कैंसर से पीड़ित पिता को फोर्टिस अस्पताल में उनकी बेटी ही कीमोथेरेपी कराने लेकर जाती थी। उन्हें समय पर दवाई देती थी और लापरवाही बरतने पर नाराज हो जाती थी। लोहा कारोबारी अब घर में पत्नी के साथ इंसाफ की आस लगाए बैठे हैं। मौत को वह उस दिन तक टालना चाहते हैं, जब तक बेटी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वालों को फांसी न हो जाए। पीड़ित पिता ने बताया कि बेटी के धर्मांतरण की फराज और उसके परिवार ने पूरी तैयारी कर ली थी। उसे इस्लाम धर्म की पवित्र आयातों और तौर-तरीकों को समझने के लिए इस्लामिक कल्चर लर्निंग ग्रुप से जोड़ा गया था। युवती को इस ग्रुप में मौलाना तकरीर सुनाते थे और नमाज की विधि भी डायरी में दर्ज कराई गई थी। धर्मांतरण के मामले में फंसने के डर से फराज इस्लामिक कल्चर लर्निंग ग्रुप से लेफ्ट हो चुका था। पुलिस इस ग्रुप की जांच में जुटी है। युवती के कमरे से रोम लिखी एक स्टील की प्लेट भी बरामद हुई है, जिसमें उर्दू की आयातों का हिंदी रूपातंरण शब्द लिखे हैं। फराज ने युवती के व्हाट्सअप पर इस्लामिक कलर कोडेड वर्सिस के जार की पिक्चर भी भेजी थी और उसे गिफ्ट बताया। कलर कोडेड वर्सिस के बारे में लिखा था कि दिन में दुखी हो तो लाल फीते वाली आयात पढ़ना और खुश हो तो हरे फीते वाली आयात पढ़कर मन हल्का होगा। पुलिस ने इन्हें भी सुबूत बनाया है।
लखनऊ से जुड़े थे फराज के तार: बताया कि फरार सेनेट्री पैड का व्यापार करता था। लखनऊ में उसके एक रिश्तेदार ने इस व्यापार में उसकी मदद की थी। बेटी से लाखों रुपये लेकर दिल्ली स्थित चौहान मार्केट में फराज ने सेनेट्री पैड का व्यापार शुरू किया था। निकाह के बाद इस व्यापार को बेटी के नाम से चलाने का झांसा भी दिया था। आत्महत्या से तीन दिन पूर्व बिटिया ने उत्पीड़न की बाबत पिता से जिक्र किया था। पीड़ित पिता के अनुसार निकाह के बाद फराज के मंसूबे उनकी बेटी और परिवार के साथ किसी जघन्य घटना को अंजाम देने के थे। रुपयों के लालच में फराज ने उन्हें बर्बाद कर दिया। फराज और उसके भाई, बहन और मां के उत्पीड़न से तंग आकर उनकी बेटी आत्महत्या करने को मजबूर हुई।
युवती के आत्महत्या के मामले में मुख्य आरोपी फराज को जेल भेज दिया गया है। अन्य आरोपियों ने अग्रिम जमानत ली है, जिसकी अवधि जल्द समाप्त होने वाली है। कुछ अन्य सबूत भी पुलिस ने एकत्र कर लिए हैं और जांच जारी है। -रितेश त्रिपाठी, एसीपी नगर कोतवाली।