भारत ने आज ही के दिन बैलिस्टिक मिसाइल का किया था सफल परीक्षण, 3,500 किलोमीटर से ज्यादा है मारक क्षमता
कुछ लोगों में कुछ ऐसी विलक्षण प्रतिभा होती है, जो उन्हें बाकी सबसे अलहदा और खास बना देती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कुछ लोगों में कुछ ऐसी विलक्षण प्रतिभा होती है, जो उन्हें बाकी सबसे अलहदा और खास बना देती है. अपनी सधी उंगलियों से पत्थर और मिट्टी में प्राण फूंकने वाले देश के महान शिल्पकार राम वनजी सुतार भी एक ऐसी ही शख्सियत हैं. वो ऐसी खूबसूरत प्रतिमाएं गढ़ते हैं कि डीलडौल से लेकर चेहरे के भाव तक सब सजीव सा जान पड़ता है. गुजरात (Gujarat) में स्थापित सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabh Bhai Patel) की विशाल प्रतिमा का मूल स्वरूप भी इस महान शिल्पकार ने तैयार किया है. 19 फरवरी 1925 को जन्मे सुतार ने महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की बहुत सी प्रतिमाओं को आकार दिया है. पद्मश्री और पद्मभूषण राम वनजी सुतार ने गांधी की साढ़े तीन सौ से ज्यादा मूर्तियां गढ़ी हैं, जो भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई शहरों में पूरे सम्मान के साथ लगाई गई हैं. संसद में लगी इंदिरा गांधी, मौलाना आजाद और जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमाएं भी सुतार ने बनाई हैं. ये कहना गलत नहीं होगा कि देश के लगभग सभी महान भारतीय नेताओं की प्रतिमाएं सुतार के हाथों से ढली हैं.